सदन में विपक्ष के विरोध के दौरान राज्यसभा सभापति ने AAP सांसद संजय सिंह को मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया.
मानसून सत्र
मणिपुर मामले में विपक्ष द्वार जारी हंगामे के बाद शुक्रवार को ससंद का मानसून सत्र सोमवार तक के के लिए स्थगित कर दिया गया था.आज सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही विपक्ष एकबार फिर आक्रामक दिखा, मणिपुर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोनों सदनों में बयान देने की मांग को लेकर विपक्षी गठबंधन पार्टियों (I.N.D.I.A) ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया।
उसके बाद से ही सदन के बाहर या सदन के अंदर विपक्ष प्रधानमंत्री के दोनों सदनों में बयान देने की मांग पर अड़ गया है, आज से एक बार फिर शुरू हुए संसद के मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा और लोकसभा दोनों में मणिपुर पर पीएम के बयान की मांग को लेकर विपक्षी सांसदों की नारेबाजी जारी है।
सदन के बाहर हुए विरोध प्रदर्शन के बाद जब दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्ष ने के बार नारेबाजी शुरू कर दी. लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि, ”हम संसद में चर्चा के लिए तैयार हैं।”
लेकिन विपक्षी सांसदों ने मणिपुर मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग की है। प्रधानमंत्री के इस मुद्दे पर कुछ प्रतिक्रिया नही देने की वजह से हंगामे और तेज हो गए .भारी हंगामे के बिच बार बार सदन को स्थगित करना पड़ रहा है जिससे सदन की कार्यवाही में अडचन पैदा हो रहा है.
बारह बजे के बाद राज्यसभा की कार्यवाही जब शुरू हुई तो विपक्ष के सांसदों ने आसन के सामने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया जिसके बाद मणिपुर मुद्दे पर सदन में विपक्ष के विरोध के दौरान राज्यसभा सभापति ने AAP सांसद संजय सिंह को मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया.
संसद के कार्यवाही ठप होने के बाद मणिपुर मुद्दे पर पक्ष और विपक्ष दोनों के नेताओ ने मीडिया के के सामने अपनी अपनी दलीलें देनी शुरू कर दी और इस मामले में बयान देते हुए राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लियाकार्जुन खड़गे ने कहा की हम भी चर्चा के लिए तैयार हैं। प्रधानमंत्री इस मामले पर अपनी बात रखें,अगर 140 करोड़ का नेता बाहर प्रेस से बात करता है और 140 करोड़ जनता के प्रतिनिधी अंदर बैठे हैं, तो आप(प्रधानमंत्री) पहले अंदर अपना बयान दीजिए। उसके बाद हम एक निर्णय लेंगे.
वहीं इस मसले पर बोलते हुए कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा की प्रधानमंत्री को संसद के दोनों सदनों में एक व्यापक वक्तव्य देना चाहिए। उन्हें लोकसभा और राज्यसभा में प्रासंगिक स्थगन नियमों के तहत चर्चा का पालन करना चाहिए। हमारे प्रदर्शन की यही मांग है.
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा की मुझे लगता है कि इस मुद्दे(मणिपुर) को प्रधानमंत्री द्वारा सदन में उपस्थित होने से आसानी से हल किया जा सकता है जिसके वे खुद भी सदस्य हैं और इसके प्रति वह जवाबदेह हैं। हम एक ऐसी स्थिति देख रहे हैं जो इतनी महत्वपूर्ण है कि सरकार के मुख्य कार्यकारी से कम कोई भी इस पर शुरुआत में नहीं बोल सकता है। गृह मंत्री और अन्य लोग अपनी भूमिका निभा सकते हैं, मुझे यकीन है लेकिन प्रधानमंत्री ने संसद के बाहर मीडिया से बात करना उचित समझा, जब सत्र चल रहे हैं तब यह स्वीकार्य नहीं.
सपा सांसद जया बच्चन ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा की मणिपुर के विषय में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा हो रही है लेकिन हमारे देश में नहीं हो रही, यह शर्म की बात है.
तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी का कहना है की हमने जो वीडियो और तस्वीरें(मणिपुर की स्थिति पर) देखी हैं वे बेहद परेशान करने वाली हैं। आप (पीएम) संसद में चर्चा नहीं चाहते, सरकार सिर्फ ध्यान भटका रही है.
मणिपुर के वायरल वीडियो पर NCP सांसद सुप्रिया सुले (शरद पवार गुट) ने कहा की यह मामला राज्यों का नहीं महिलाओं का है। ऐसी घटना किसी भी राज्य में हो तो ग़लत है.
सांसद संजय राउत का कहना है की जिस तरह से मणिपुर में हिंसा भड़क रही है, महिलाओं की हत्याएं हो रही हैं, क्या उसके लिए हम सदन में आवाज नहीं उठा सकते? सरकार से सवाल नहीं पूछ सकते? इस पर हम सदन में चर्चा करना चाहते हैं और यह पूरी चर्चा हमारे प्रधानमंत्री मोदी सुनें, बाद में वे जवाब दें.
सरे विपक्षियो के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राजग के घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा की पहले आप(विपक्ष) चर्चा तो शुरु करें। जब तक चर्चा शुरु नहीं करेंगे तब तक जनता तक ये बात कैसे जाएगी कि विपक्ष क्या सोच रहा है या सत्ता पक्ष क्या सोच रहा है…सड़क पर उतरकर हंगामा करके कुछ नहीं होने वाला.
वहीं मोदी कैबिनेट में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने अपनी प्रतिक्रिया दते हुए कहा की हम इन्हें(विपक्ष) बार-बार कह रहे हैं कि आपका सबसे बड़ा विषय मणिपुर पर चर्चा को लेकर था। विपक्ष ने अनुरोध किया था कि आप चर्चा को स्वीकार कर लें, सत्र चलेगा। हम चाहते हैं कि मणिपुर पर चर्चा हो। हमारे सांसदों ने कहा कि मणिपुर के साथ-साथ राजस्थान और पश्चिम बंगाल में महिलाओं की स्थिति पर भी चर्चा की जाए.