गुरुवार, 3 अगस्त, संसद के मानसून सत्र का 11वां दिन है, लेकिन मणिपुर मुद्दे पर हंगामे के चलते कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। यही नहीं, स्पीकर ओम बिरला भी परेशान हैं। लगातार दूसरे दिन वे सदन में नहीं आए।
11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही उनकी जगह राजेंद्र अग्रवाल ने सदन की अध्यक्षता की। कुछ समय बाद, कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने अग्रवाल से बिड़ला की चर्चा की। हमारी अपील है कि वे वापस आ जाएं, क्योंकि वे हमारे संरक्षक हैं।
लोकसभा के सभापति ओम बिरला के नाराजगी के बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी, एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले, एनके प्रेमचंद्रन, बसपा के रितेश पांडे, भाजपा के राजेंद्र अग्रवाल, टीएमसी सांसद सौगत राय, एनसीपी सांसद फारुख अब्दुल्ला और डीएमके सांसद कनिमोझी ने उनसे मुलाकात कर उन्हें वापस बुलाने के लिए आग्रह किया।
हंगामे के कारण ओम बिड़ला पिछले दो दिन से सदन में नहीं आ रहे हैं। लोकसभा आज भी कामकाज नहीं कर सकी और दो बजे तक स्थगित कर दी गई। दिल्ली अध्यादेश बिल लोकसभा में पेश किया जा चूका है और उसपर चर्चा होनी बाकि है । साथ ही डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल प्रस्तुत किया जाना है ।
वही राज्यसभा में कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने स्पीकर जगदीप धनखड़ से पूछा कि वे मणिपुर जैसे गंभीर मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर PM मोदी का बचाव क्यों कर रहे हैं। जिसका जवाब देते हुए धनखड़ ने कहा की ‘मुझे PM का बचाव करने की जरूरत नहीं है। मैं यहां किसी व्यक्ति का बचाव करने नहीं बैठा हूं। मैं यहां संविधान और आपके अधिकारों का बचाव करने बैठा हूं। आपकी तरफ से ऐसी बात करना सराहनीय नहीं है।’
उसके बाद राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सभी सांसदों को 1 बजे मणिपुर पर चर्चा करने करने के लिए अपने केबिन में बुलाया।
Brajesh Kumar