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जब अमित शाह ने राज्यसभा में प्रस्तुत किया दिल्ली अध्यादेश बिल,कांग्रेस ने कहा कि दिल्ली अध्यादेश असंवैधानिक है

दिल्ली अध्यादेश से जुड़ा बिल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में प्रस्तुत किया है। कांग्रेस ने इसे गैरसंवैधानिक घोषित किया है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार (7 अगस्त) को संसद के मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में दिल्ली अध्यादेश से जुड़ा बिल पेश किया। कांग्रेस ने इसे गैरसंवैधानिक घोषित किया है। गुरुवार (3 अगस्त) को लोकसभा ने ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023’ पारित किया।

दिल्ली सेवा बिल पर राज्यसभा में लगभग छह घंटे चर्चा होगी, सूत्रों ने बताया। बहुत से विरोधी सांसदों ने इस बिल को खारिज कर दिया। विपक्षी सांसदों के विरोध के बीच सदन में इस बिल पर चर्चा चल रही है। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी बोल रहे हैं।

 

कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने दिल्ली सेवा विधेयक पर कहा, “बीजेपी का दृष्टिकोण किसी भी तरह से नियंत्रण करने का है..। यह बिल दिल्ली के लोगों की आवाज और आकांक्षाओं पर एक स्पष्ट हमला है और मौलिक रूप से असंवैधानिक है। यह संघवाद के सभी मूल्यों, सिविल सेवा जवाबदेही के सभी सिद्धांतों और विधानसभा आधारित लोकतंत्र के सभी मॉडलों का उल्लंघन करता है।”

 

लोकसभा के बाद अब सबका ध्यान राज्यसभा पर है: क्या केंद्र सरकार उच्च सदन में दिल्ली सेवा बिल को पारित करने में सफल होगी? इसके लिए राज्यसभा के सदस्यों की संख्या का गणित जानना आवश्यक है। विधानसभा में 238 सांसद हैं। विधेयक को पारित कराने के लिए सरकार को 119 सांसदों की जरूरत होगी।

बीजेपी के पास फिलहाल 92 राज्यसभा सांसद हैं, लेकिन सहयोगी दलों को मिलाकर 103 सांसद होंगे। इसमें पांच मनोनीत सांसद भी हैं। वहीं, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी में नौ सांसद हैं। इन दोनों पार्टियों ने केंद्रीय सरकार का भी समर्थन किया है।

 

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