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अंतिम संस्कार के बाद बेटी का आया फोन,हेलो..पापा, मैं अंशु..मैं जिंदा हूं: रॉन्ग नंबर से हुआ था प्यार; 12 दिन में ही भागकर की शादी

इतना सुनने के बाद भी उन्हें विश्वास नहीं होता। इसके बाद अंशु वीडियो कॉल करती है। वह बताती है कि पापा मैं रुपौली हॉल्ट बाजार में एक किराए के मकान में रह रही हूं। मैंने भागकर शादी कर ली है। लड़के का नाम विरांजन कुमार है। विरांजन 24 साल का है और वह भवानीपुर का ही रहने वाला है।

पूर्णिया में एक पिता ने अनजान शव को अपनी बेटी का समझकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया | इसके तीन दिन बाद बेटी ने वीडियो कॉल की | उसने जो कहा उसने सुनकर घरवालों के होश उड़ गए | इसके बाद परिजन पुलिस थाने पहुंचे और पूरी कहानी सुनाई |
हेलो… पापा मैं अंशु। पापा मैं जिंदा हूं। मैं मरी नहीं, आपने जिसकी डेड बॉडी जलाई, वो मैं नहीं थी पापा। दरअसल, पूर्णिया जिले के भवानीपुर के नवगछिया टोला निवासी बिनोद मंडल की बेटी अंशु कुमारी (17) 3 जून से लापता थी। घर वालों ने इसकी शिकायत थाने में नहीं की।


परिजन लगातार छानबीन करते रहे थे, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली। फिर 16 अगस्त को जानकारी मिलती है कि बहियार नहर में एक लड़की का शव मिला है। परिवार के सभी सदस्य मौके पर पहुंचते हैं। शव का चेहरा, कद, काठी और कपड़े को देखकर सभी उसे अंशु ही समझने लगे। फिर परिजन आनन-फानन में अंतिम संस्कार भी कर देते हैं |

खुद की मौत की खबर पढ़कर किया फोन

अंशु ने कहा कि 24 मई को उसके फोन पर एक रॉन्ग नंबर से कॉल आया था। कॉल करने वाले ने अपना नाम विरांजन बताया। दोनों के बीच बातचीत हुई। धीरे-धीरे दोनों के बीच दोस्ती हुई। दोस्ती प्यार में बदल गई। महज 10 दिनों में प्यार इतना परवान चढ़ा कि दोनों ने घर से भागकर शादी करने फैसला कर लिया।इसके बाद 3 जून को वह घर से फरार हो गई। 5 जून को दोनों ने शादी कर ली। इसके बाद उसे 17 अगस्त को खुद की मौत की खबर मिली। इसके बाद उसने अपने घरवालों को पूरे मामले की जानकारी दी।

अंतिम संस्कार के अगले दिन आया फोन

अंतिम संस्कार के अगले दिन 17 अगस्त की सुबह बिनोद मंडल का फोन बजता है। बिनोद कॉल उठाते हैं। फोन पर आवाज आती है, हेलो… पापा मैं अंशु। पापा मैं जिंदा हूं। मैं मरी नहीं, आपने जिसकी डेड बॉडी जलाई, वो मैं नहीं पापा। इतना सुनने के बाद भी उन्हें विश्वास नहीं होता। इसके बाद अंशु वीडियो कॉल करती है। वह बताती है कि पापा मैं रुपौली हॉल्ट बाजार में एक किराए के मकान में रह रही हूं। मैंने भागकर शादी कर ली है। लड़के का नाम विरांजन कुमार है। विरांजन 24 साल का है और वह भवानीपुर का ही रहने वाला है।

तो वो शव किस-का था

स्वजनों की पहचान पर जिस शव को अंशु बता पुलिस अपनी कार्रवाई में जुटी थी, उस मामले में अब नया मोड़ आ चुका है। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर स्वजनों को सौंप दिया था। अब जब अंशु के जीवित होने का साक्ष्य सामने आ चुका है तो एक बड़ा सवाल यह उठ खड़ा हुआ है कि आखिर वह शव किस युवती का था।उस शव की स्थिति से दुष्कर्म बाद हत्या की आशंका भी जताई गई थी, ऐसे में पुलिस की चुनौती भी इससे बढ़ गई है। अकबरपुर ओपी प्रभारी सूरज कुमार ने बताया कि अज्ञात शव का अंतिम संस्कार कर तो दिया, लेकिन उसके कपड़े और पहचान के लिए जरूरी सामान अभी भी सुरक्षित है। पुलिस अब नए सिरे से इसकी पहचान की कोशिश करेगी।यह घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।

 

Sneha Yadav

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