भारत के कुश्ती प्रेमियों के लिए एक बैड न्यूज है. यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने भारतीय कुश्ती महासंघ की सदस्यता को सस्पेंड कर दिया है.UWW ने 30 मई को भारतीय कुश्ती संघ को पत्र लिखा था. इसमें कहा गया था कि अगले 45 दिन यानी 15 जुलाई तक भारतीय कुश्ती संघ का चुनाव नहीं किया गया तो सदस्यता सस्पेंड कर दी जाएगी.
WFI अपने पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर कुछ महिला पहलवानों की ओर से लगाए गए यौन शोषण के आरोपों के बाद पहले से ही मुश्किलों में घिरी हुई है. अब संघ की सदस्यता जाने के बाद भारतीयों पहलवानों के लिए यह बड़ा झटका है. इस फैसले के बाद भारतीय पहलवान अब 16 से 22 सितंबर के बीच सर्बिया में होने वाली पुरुषों की वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में भारतीय झंडे के तले नहीं खेल पाएंगे. भारतीय पहलवानों को इस ओलिंपिक-क्वालिफाइंग चैंपियनशिप में UWW के बैनर तले ही खेलना होगा.
किन वजहों से नहीं हो सका चुनाव?
इस साल की शुरुआत से ही भारतीय कुश्ती संघ अपने अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं करा सका है. इस साल की शुरुआत में कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृज भूषण सिंह शरण के खिलाफ पहलवानों ने आंदोलन किया था और उन पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे.
इन आरोपों के बाद भारतीय कुश्ती संघ में तय समय पर चुनाव नहीं हो सके. नियम के मुताबिक इन चुनावों को जून 2023 तक हो जाना चाहिए था. हालांकि फरवरी से ही बृजभूषण सिंह शरण को कुश्ती संघ से दूर कर दिया गया था और मई में उनका कार्यकाल भी खत्म हो गया था लेकिन फिर कई राज्य इकाइयों ने इन चुनावों को लेकर अदालत का रुख कर लिया था.
कौन देख रहा है WFI का कामकाज?
भारतीय कुश्ती संघ की कमेटी को सबसे पहले जनवरी 2023 में भंग कर दिया गया था उसके बाद इस कमेटी को मई 2023 में भंग किया गया. फिलहाल इसका कामकाज और दैनिक मामलों का प्रबंधन वर्तमान में भारतीय ओलंपिक संघ की समिति कर रही है. इस समिति ने भूपेंदर सिंह बाजवा की अध्यक्षता में यह फैसला लिया है.
महाराष्ट्र और त्रिपुरा के आवेदन खारिज
इस बार के चुनावों में महाराष्ट्र और त्रिपुरा से कुश्ती संघ में कोई प्रतिनिधि नहीं होगा क्योंकि रिटर्निंग ऑफिसर ने दोनों गुटों के दावे को अयोग्य माना. साथ ही त्रिपुरा बीते 6 सालों से कुश्ती संघ से असंबद्ध बना हुआ है. इसके पीछे के कारणों के बारे में जानकारी नहीं मिल सकी है.
WFI की सदस्यता रद्द होने के बाद 16 सितंबर से सर्बिया में शुरू होने वाली वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में भारतीय पहलवानों को भी अब ‘ऑथोराइज्ड न्यूट्रल एथलीट’ (ANA) के रूप में खेलना होगा. वह भारत के झंडे या WFI के बैनर तले इसमें भाग नहीं ले सकेंगे.
वर्ष 2017 की IAAF वर्ल्ड चैंपियनशिप में रूस के 19 एथलीटों को न्यूट्रल एथलीट के रूप में खेलने की मंजूरी दी गई थी. 2018 की IAAF वर्ल्ड इंडोर चैंपियनशिप में 8 और 2018 की ही IAAF वर्ल्ड U20 चैंपियनशिप में कुल 9 एथलीटों ने न्यूट्रल एथलीट के रूप में हिस्सा लिया.
2019 की यूरोपीय एथलेटिक्स चैंपियनशिप में कुल 30 और 2019 में ही दोहा में हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप में कुल 29 एथलीटों ने बतौर न्यूट्रल एथलीट भाग लिया था.