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हरियाणा के नुह हिंसा से प्रचलित हुए मोनू मानेसर को आज हरियाणा पुलिस ने हिरासत में लिया

फ़रवरी में हुए जुनैद नासिर हत्याकांड में मोनू मानेसर वांछित था. इसके बाद मोनू मानेसर का नाम नूंह हिंसा में भी सामने आया था. ऐसा माना जा रहा है कि हरियाणा पुलिस मोनू मानेसर को राजस्थान पुलिस को सौंप सकती है क्युकी जुनैद नासिर मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर जिले का रहने वाला थे .

हरियाणा के नुह हिंसा से प्रचलित हुए मोनू मानेसर को आज जुनैद नासिर हत्याकांड मामले में हरियाणा पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. फ़रवरी में हुए जुनैद नासिर हत्याकांड में मोनू मानेसर वांछित था. इसके बाद मोनू मानेसर का नाम नूंह हिंसा में भी सामने आया था. ऐसा माना जा रहा है कि हरियाणा पुलिस मोनू मानेसर को राजस्थान पुलिस को सौंप सकती है क्युकी जुनैद नासिर मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर जिले का रहने वाला थे .

इस मामले में भरतपुर के एसपी मृदुल कच्छावा का भी बयान सामने आया है जिसमे उन्होंने बताया कि हरियाणा पुलिस ने मोनू मानेसर को हिरासत में लिया है. हरियाणा पुलिस की कार्रवाई पूरी होने के बाद राजस्थान की पुलिस अपनी कार्रवाई शुरू करेगी.

 

बता दें की मोनू मानेसर उर्फ मोहित यादव मूल रूप से हरयाणा के नूह का ही रहने वाला है, वो नूंह में एक गोरक्षक समूह का नेतृत्व करता है और गोरक्षकों के हमलों के वीडियो पोस्ट करने के लिए वो काफी कुख्यात है. देखा गया है की मोनू ‘लव जेहाद’ के खिलाफ अभियानों में भी काफी सक्रिय रहता था. आमतौर पर ‘लव जेहाद’ जैसे शब्द दक्षिणपंथियों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें मुस्लिम पुरुषों के उपर हिन्दू महिलाओं को बहकाने और जबरन उनका धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाया जाता है.

दरअसल, मोनू मानेसर पहली बार 2019 में सुर्खियों में आया था, जब कथित गोतस्करों का पीछा करते समय उसने उनपर गोली चलाई थी. वह 2015 में हरियाणा में गाय संरक्षण कानून लागू होने के बाद हरियाणा सरकार द्वारा गठित जिला गाय संरक्षण टास्क फोर्स का सदस्य भी रह चूका था. मोनू मानेसर के सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे यूट्यूब और फेसबुक पर हज़ारों फॉलोअर हैं. अक्सर मोनू मानेसर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर हथियारों और कारों के काफिले को दिखाते हुए अपनी तस्वीरें पोस्ट करता हुआ नजर आता था.

बता दें की राजस्थान के भरतपुर जिले के घाटमीका गांव के निवासी नसीर (25) और जुनैद उर्फ जूना (35) का कथित रूप से अपहरण किया गया था और उन दोनों के शव हरियाणा के भिवानी के लोहारू में एक जली हुई कार में से प्राप्त हुए थे.

मोनू मानेसर को पूर्व में सात फरवरी को गुरुग्राम के पटौदी थाने में दर्ज हत्या के प्रयास के एक मामले में नामजद किया गया था. जिसके बाद मोनू फरार हो गया गया था लेकिन उस दौरान मोनू मानेसर ने एक वीडियो संदेश जारी कर उस  मामले में खुद को बेगुनाह बताया था.

अपने विडियो में मोनू ने कहा था, ‘‘मेरे सहयोगियों और मेरी कोई भूमिका नहीं है, लेकिन राजस्थान पुलिस ने मेरे और मेरे समूह के सदस्यों के खिलाफ गलत मामला दर्ज किया है. मैं मृतकों को जानता भी नहीं हूं.”  आगे उसने कहा, ‘‘घटना के समय, मैं अपनी टीम के सदस्यों के साथ गुरुग्राम के एक होटल में था.

मैं होटल के सीसीटीवी फुटेज भी साझा कर रहा हूं, जिससे पता चलता है कि हम होटल में मौजूद थे. भरतपुर पुलिस ने हमें गलत तरीके से फंसाया है और यह मेरी टीम और मेरे संगठन को बदनाम करने की भरपूर साजिश है.’

 

मोनु मानेसर दुबारा फिर नुह मामले में लोगो के नजरो में आए थे उसके वाद आज उसे उसी पुराने मामले में हरयाणा पुलिस ने गिरफ्तार वक्र लिया है.

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