अखिल भारतीय आतंकवाद विरोध मोर्चा के अध्यक्ष महिंदरजीत सिंह बिट्टा ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन टुडो को लिया आड़े हाँथ , कहा खालिस्तान न कभी बना था और न बनेगा,
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन टुडो के आतंकवादी निज्जर की हत्या पर दिए गए बयान के बाद भारत व कनाडा के बीच माहौल गरम चल रहा है. इस मामले पर अखिल भारतीय आतंकवाद विरोध मोर्चा के अध्यक्ष महिंदरजीत सिंह बिट्टा ने मंगलवार को बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि 14 बार हमलों का मेरा ज़ख़्मी शारीर है
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आतंकवादी निज्जर की हत्या पर दिए गए बयान के बाद भारत व कनाडा के बीच माहौल गरम चल रहा है. इस मामले पर अखिल भारतीय आतंकवाद विरोध मोर्चा के अध्यक्ष महिंदरजीत सिंह बिट्टा ने मंगलवार को बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि 14 बार हमलों का मेरा ज़ख़्मी शारीर है. मैं गवाह हूँ की खालिस्तान न तो कभी बना था और न बन सकेगा. इस मुद्दे पर बिट्टा ने पाकिस्तान का भी कॉलर धरा. उन्होंने कहा कि ये सब भूखे-नंगे देश पाकिस्तान के इशारों पर हो रहा है. उन मुट्ठी भर लोगों से मैं कहता हूँ, यह आज का भारत है, तो ये संभल जाएँ. हम सिख समुदाय को बदनाम करने का प्रयास है. अगर कोई भी भारत को तोड़ने की कोशिश करेगा तो ये कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
बिट्टा ने पंजाब के बाहर बसे हुए लोगों के लिए चिंता जताई. बिट्टा ने 84 के दंगों, ब्लू स्टार ऑपरेशन और पंजाब में 36000 लोगो के क़त्ल के लिए वाइट पेपर जारी न होने पर भी सवाल किया. सिख समाज के देश और विदेश में बसे हुए लोगों से अलगाववादी खालिस्तानी प्रचार के खिलाफ़ खड़े होने की अपील की. उनसे कहा कि जितने भी हिंदुस्तान के पवित्र गुरूद्वारे स्थान हैं, जब भी खालिस्तान की कोई मांग हो तब गुरूद्वारे में अपने संगत को बुलाएँ, भाई-बहनों को बुलाएं, मीडिया को बुलाएँ और सब के सामने यह कहें कि हम खालिस्तान नहीं चाहते.
बिट्टा ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को भी आड़े हाँथ लिया. उन्होंने पंजाब का उदहारण देते हुए कहा कि जिस तरह से पंजाब में हमें राजनितिक लोगों ने वोट की खातिर बर्बाद किया, ठीक उसी तरह ट्रूडो वोट की खातिर खालिस्तानियों का सहयोग कर रहे हैं.
इस मामले पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने मंगलवार को जस्टिन ट्रूडो आतंकवादी निज्जर की हत्या से भारत को जोड़ने पर चिंता जताई है.
कमेटी ने आगे कहा कि आज सिख समाज दुनिया भर में बसे हुए हैं. उनके अधिकारों के साथ धार्मिक चिंताएं भी बढ़कर है.
महिंदरजीत सिंह बिट्टा से पहले रॉ के पूर्व चीफ विक्रम सूद ने अपने बयान में कनाडा के प्रधानमंत्री के भारत पर आरोपों को बिना सबुत का दावा बताया था. वहीँ बंगालवर को पूर्व भारतीय राजनयिक केपी फैबियन ने कहा कि भारत-कनाडा संबंधों में तनाव कम करना ज़रूरी है चुकि इससे कनाडा में बसे भारतियों पर प्रभाव पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि वहां कई भारतीय मूल के छात्र भी रहते हैं जिन्हें नुकसान होगा. वीजा जारी करने में समस्या होगी.