ये कोई एकमात्र या अंतिम मामला नहीं है। ये सब चलेगा। इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ता। इन मामलों में कोई वैधता नहीं है। ये सब निरंतर होता है। इससे अब कोई फर्क नहीं पड़ता। बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने जमीन के लिए नौकरी मामले में खुद पर समन जारी करने को लेकर यह बातें कही हैं।
तेजस्वी यादव ने कहा कि यह सब अतीत की बात है।यह कुछ नया नहीं है।यह सब होता रहता है और होता रहेगा। ये न तो पहला है न ही आखिरी है।ये सब निरंतर होता है इसमें कोई वैधता नहीं है। सब बेकार है।हम अब इन सब पर ध्यान नहीं देते हैं। हम सिर्फ अपना काम कर रहे हैं और बिहार की प्रगति देख रहे हैं।
दरअसल, जमीन के लिए जॉब्स मामले में लालू परिवार को अधिक समस्याएं उत्पन्न होती दिख रही हैं। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव सहित 17 आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया है। सभी को 4 अक्टूबर को न्यायालय में पेश होने का आदेश दिया गया है।CBI की चार्जशीट पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह आदेश जारी किया है।
मालूम हो कि अब तक इस मामले में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी, राजद सुप्रीमो लालू यादव का नाम नहीं था। पिछले साल सीबीआई ने लालू-राबड़ी सहित अन्य लोगों पर चार्जशीट दाखिल की थी। हालाँकि, इस मामले की जांच के दौरान तेजस्वी की दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में एक महंगी बंगले का पता चला। नौकरी के बदले, यह जमीन घोटाले से जुड़ा था। तेजस्वी यादव को भी इस मामले में आरोपी बनाने के लिए सीबीआई ने अतिरिक्त चार्जशीट दायर की है। अब समन जारी किया गया है। यही कारण है कि तेजस्वी को अगली सुनवाई में गिरफ्तारी का आदेश मिलने पर जमानत लेनी होगी। नहीं तो वे जेल भी जा सकते हैं।
यह मामला 2004 से 2009 के बीच लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहते हुए हुआ है। यूपीए की सरकार इस समय देश में थी। लालू ने उस समय रेलवे में नियमों को ताक पर रखकर बहुत से लोगों को नौकरियां दीं। लालू परिवार के सदस्यों के नाम पर मूल्यवान जमीन लिखवाई गई।अब ईडी और सीबीआई इस कथित घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की बात कर रहे हैं।
Brajesh Kumar