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नई मां बनी महिला को पति के कार्यस्थल से दूर ट्रांसफर करने के लिए, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने राष्ट्रीयकृत बैंक को लगाया फटकार

कोर्ट ने कहा कि “जिस तरह से उन्होंने विवाहित महिला के साथ व्यवहार किया है, जिसके कुछ महीने का बच्चा हुआ है, ये उचित नही बैंक को उस तरह से व्यवहार नहीं करना चाहिए।

 

एक मामले में सुनवाइ करते हुए पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय ने बैंक ऑफ इंडिया को अपने कर्मचारी को उसके पति के स्थान से दूर ट्रांसफर करने पर खुब सुनाया। कोर्ट ने कहा कि “जिस तरह से उन्होंने विवाहित महिला के साथ व्यवहार किया है, जिसके कुछ महीने का बच्चा हुआ है, ये उचित नही बैंक को उस तरह से व्यवहार नहीं करना चाहिए। कोर्ट ने कहा की बैंक ने नीति का भी उल्लंघन किया है और नीति का उल्लंघन करते हुए उसका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया।

 

 

चंडीगढ़ में बैंक की महाप्रबंधक चांदनी को बीमार और छुट्टी पर रहते हुए भी राजकोट, गुजरात ट्रांसफर कर दिया गया। जिसका महज कुछ महीने का बच्चा है और उनके पति चंडीगढ़ में रहते है। राजकोट में ड्यूटी ज्वाइन करने में असमर्थता जताते हुए चांदनी ने बैंक को अपना इस्तीफा भी सौंप दिया था। लेकिन बैंक ने उनका इस्तीफा अस्वीकार कर दिया और उन्हें राजकोट में ड्यूटी ज्वाइन करने और फिर इस्तीफा देने के मजबुर किया गया। मामला यही नही थमा और बैंक ने ड्यूटी से अनुपस्थित रहने के लिए चांदनी पर विभागीय जांच शुरू कर दी।

 

 

सुनवाइ को दौरान जस्टिस जगमोहन बंसल ने कहा की, बैंक ऑफ इंडिया द्वारा अपनाया गया दृष्टिकोण कठोर, पांडित्यपूर्ण और अत्यधिक तकनीकी प्रतीत होता है। जस्टिस बंसल ने कहा की ऐसा प्रतीत होता है कि अधिकारियों ने बहुत ही यांत्रिक और क्रूर तरीके से अपना काम किया है। इस मामले से निपटने वाले अधिकारियों का आचरण अच्छा होना चाहिए।

 

कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा की प्रतिवादी-बैंक को उस तरह से व्यवहार नहीं करना चाहिए जिस तरह से उन्होंने कुछ महीनों के बच्चे वाली विवाहित महिला के साथ व्यवहार किया है।”

 

जस्टिस बंसल की कोर्ट ने आगे कहा कि याचिकाकर्ता ने इस्तीफे की पेशकश इसलिए किया, क्योंकि उसके लिए राजकोट में नौकरी करना असंभव था।

 

Brajesh Kumar 

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