History

1971 के युद्ध में शहीद हुए वीर जवानों का दिन “विजय दिवस”

भारतीय इतिहास का एक महत्त्वपूर्ण दिन, विजय दिवस, देश भर में जोश, गर्व और श्रद्धांजलि के साथ मनाया गया। इस अवसर पर, वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई, जो 1971 के भारत-पाक युद्ध में अपने शौर्य और बलिदान के साथ वीरता का परिचय दिया था।

“विजय दिवस: 1971 के युद्ध के शौर्यपूर्ण अनुभवों को याद करते हुए देश ने विजय दिवस के अवसर पर देश के वीर जवानों के श्रद्धांजलि अर्पित की गयी।

 

भारतीय इतिहास का एक महत्त्वपूर्ण दिन, विजय दिवस, देश भर में जोश, गर्व और श्रद्धांजलि के साथ मनाया गया। इस अवसर पर, वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई, जो 1971 के भारत-पाक युद्ध में अपने शौर्य और बलिदान के साथ वीरता का परिचय दिया था।

 

विजय दिवस के अवसर पर, देश की सेना ने वीरता और समर्पण की मिसालों को याद किया। सेना की उत्तरी कमान के जनरल आफिसर कमांडिंग इन चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने बलिदानियों को सलामी अर्पित की, जिन्होंने अपने जीवन को देश की सेवा में समर्पित किया।

वर्ष 1971 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय सेना ने दुश्मन को अपनी ताकत और तगड़ी जोरों से हराया था। इस विजय के अवसर पर, सेना ने दुश्मन के 93 हजार सैनिकों को आत्मसमर्पण करने पर मजबूर किया था। यह युद्ध न केवल विजय की घोषणा करता है, बल्कि वहाँ के वीर सैनिकों के शौर्य की कहानी भी सुनाता है।

जम्मू कश्मीर व लद्दाख में देश के दुश्मनों से लोहा लेने को हरदम तैयार सेना शनिवार को विजय दिवस पर 1971 की ऐतिहासिक जीत से प्रेरणा ली। प्रदेश में विजय दिवस के कार्यक्रमों में देश के लिए बलिदान देने वाले वीरों को श्रद्धांजलि दी गई ,ठीक 53 साल पहले वर्ष 1971 के भारत-पाक में सेना ने दुश्मन के 93 हजार सैनिकों को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर कर दिया था।

 

आज भी सेना उच्च मनोबल के साथ पाक-चीन जैसे देशों द्वारा पैदा की जा रही सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए कोई भी कीमत चुकाने को तैयार है। शनिवार को विजय दिवस पर सेना की उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी बलिदानियों को सलामी दी। साथ ही कमान मुख्यालय के साथ सेना की चौदह, पंद्रह व सोलह कोर मुख्यालय के युद्ध स्मारकों में भी कार्यक्रम किए गए ।

 

सेना की पश्चिमी कमान की रायजिंग स्टार कोर की टाइगर डिवीजन भी शनिवार को विजय दिवस पर जम्मू में बलिदानियों को श्रद्धांजलि देगी। इस दौरान जम्मू शहर के बलिदान स्तंभ में टाइगर डिव के जीओसी मेजर जनरल गौरव गौतम बलिदानियों को पुष्प चक्र अर्पित किए गए ।इस कार्यक्रम में वर्ष 1971 के युद्ध में हिस्सा ले चुके जम्मू कश्मीर के कई पूर्व सैनिक भी हिस्सा लिया। प्रदेश में सेना ने वर्ष 1971 के युद्ध के नायकों को सम्मानित करने के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन किया था।

 

ये खबर भी पढ़ें : महाराष्ट्र ‌स्पीकर ने दाखिल की SC में याचिका, कहा विधायकों की अयोग्यता पर निर्णय के लिए है अधिक समय की आवश्यकता

 

जम्मू के दोमाना के साथ राजौरी के सुंदरबनी में आयोजित कार्यक्रम के दौरान सेना ने क्षेत्र के ललयाली में लड़ी गई लड़ाई के नायकों व बलिदानियों के परिजनों को सम्मानित किया। इसी प्रकार के कार्यक्रम गत दिनों लद्दाख के कारगिल जिले के द्रास में भी आयोजित किए गए। वर्ष 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध में जम्मू क्षेत्र के बसंतर व ललयाली इलाकों में भारतीय सेना ने दुश्मन को करारी मात देते हुए उसके दर्जनों टैंक कर पाकिस्तान के काफी हिस्से को अपने कब्जे में ले लिया था। इस लड़ाई में हिस्सा लेने वाले जम्मू के वीरों में परमवीर चक्र विजेता कैप्टन बाना सिंह, वीर चक्र विजेता कर्नल वीरेन्द्र साही व बलिदानी वीर चक्र विजेता लांस नायक मोहन लाल लखोत्रा शामिल थे।

कर्नल विरेन्द्र साही दुश्मन को खदेड़ते हुए गोलियां लगने से घायल हुए थे। वहीं वर्ष 1971 के युद्ध में जब पाकिस्तानी सेना ने कारगिल पर हमला किया था तो भारतीय सेना के वीर उस पर काल बनकर टूट पड़े थे। सेना की 18 पंजाब ने पाकिस्तान पर धावा बोलकर 36 घंटों के अंदर उसके कब्जे वाले 40 किलोमीटर इलाके व इसमें स्थित पाकिस्तान की 19 चौकियों को अपने कब्जे में ले लिया था। इस लड़ाई के दौरान सेना की 18 पंजाब के 29 बलिदानियों ने देश के लिए  बलिदान दिया था।

 

सेना ने विजय दिवस के अवसर पर शहीदों को याद किया, और उन्हें सम्मानित किया, जो देश की रक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी थी। इस दिन को याद करते हुए, लोगों ने बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी और उनके परिवारों के साथ खुशियों और गर्व के पलों को साझा किया।

 

विजय दिवस के उपलक्ष्य में अनेक कार्यक्रमों और समारोहों का आयोजन किया गया, जिनमें सेना के वीरों को सम्मानित किया गया और उनके साहसिक कार्यों को याद किया गया।

 

इस महान दिन पर, वीर सैनिकों के साहस, समर्पण, और बलिदान को याद करते हुए, देश ने एक और बार उनके त्याग और पराक्रम को सलामी अर्पित की। समस्त देशवासियों ने विजय दिवस को गौरवपूर्ण तरीके से मनाया और सेना के शौर्य को सराहा।

जवानो का त्याग, उनका समर्पण और पराक्रम हमारे देश की गरिमा को बढ़ाता है और हमें उनके प्रति आभार और सम्मान दिखाना चाहिए।

 

विजय दिवस के इस शुभ अवसर पर, हम सभी को एक साथ आकर देश के वीरों को सलामी देनी चाहिए, और उनके बलिदान और समर्पण को स्मरण करना चाहिए। इस दिन को याद करते हुए, हम सभी को वीर जवानों की श्रद्धांजलि देते हैं और उनके पराक्रम को सराहते हैं।

 

इस महान अवसर पर, हम सभी को देश के वीर सैनिकों को समर्पित श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिन्होंने अपने जीवन को देश की सेवा में समर्पित किया। उनका समर्पण और बलिदान हमारे लिए एक महत्त्वपूर्ण उत्सव है, जो हमें हर समय गर्वान्वित करता है ।

 

Follow us on :

Instagram:  https://www.instagram.com/chaupalkhabarnews/

Facebook: https://www.facebook.com/ChaupalKhabarNews

Twitter:  https://twitter.com/ChaupalKhabar

You Tube  : https://www.youtube.com/@ChaupalKhabar

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button