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Corona के नए JN.1 वेरिएंट पर WHO ने जताई चिंता, कहा- Vaccine की Immunity नहीं कर पा रही काम

कोरोना महामारी के आगे दुनिया एक बार फिर से नए संकट की ओर बढ़ रही है। जेएन.1 सब-वेरिएंट की खबरें संक्रमण के मामलों में वृद्धि को लेकर हमें सतर्क रहने के लिए बताती हैं।

कोरोना महामारी को चार साल होने वाले हैं, लेकिन इसका डर आज तक भी दुनियाभर में बना हुआ है । दिसंबर 2019 से चीन में शुरू हई कोरोना महामारी को इसी साल मई में भले ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ‘ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी’ की सूची से बाहर कर दिया हो पर संक्रमण का खतरा अब भी कम नहीं हुआ है। हर वर्ष लोगों को एक नए वेरियंट का सामना करना पड़ता हैं।

कोरोना महामारी के आगे दुनिया एक बार फिर से नए संकट की ओर बढ़ रही है। जेएन.1 सब-वेरिएंट की खबरें संक्रमण के मामलों में वृद्धि को लेकर हमें सतर्क रहने के लिए बताती हैं। इस संकट के साथ, सावधानी और तत्परता से ही हम इससे निपट सकते हैं। यह नया सब-वेरिएंट, जो ओमिक्रॉन के BA.2.86 वेरिएंट का ही रूप है, स्पष्ट रूप से संक्रमण की चिंता बढ़ा रहा है। इसके म्यूटेशन के कारण, विशेषज्ञों का ध्यान आकर्षित हो रहा है और वे संक्रमण की रोकथाम के लिए तैयारी में जुटे हैं।

 

जेएन.1 के पहुंचने के बाद, विश्व के कई हिस्सों में मामलों में वृद्धि की रिपोर्टें आनी शुरू हो गई हैं। इससे साफ है कि संक्रमण की रफ्तार में बढ़ोतरी हो रही है, जिससे हमें सतर्क रहना जरूरी है। सिंगापुर सहित कई देशों में बढ़ते मामलों की खबरें आ रही हैं। इसके साथ ही भारत में भी यह सब-वेरिएंट पाया गया है। इससे स्पष्ट है कि हमारी सतर्कता और संक्रमण से बचाव की दिशा में कठिनाई से जुड़ी है।

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स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि जेएन.1 के कारण लोगों में खांसी, सांस की तकलीफ, थकान और अन्य लक्षण देखे जा रहे हैं। इससे स्पष्ट है कि संक्रमण के लक्षण भी बदल रहे हैं, जो हमें और भी सतर्क बनाता है। हालांकि, इस समय में चिंता की बात नहीं है, बल्कि सतर्कता और सुरक्षा के संकेत हैं। हमें सभी आवश्यक सावधानियां बरतनी चाहिए, मास्क पहनना, हाथ धोना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना, और वैक्सीनेशन को पूरा करना।

 

वैश्विक स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट्स और विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार, वैक्सीनेशन हमारी सुरक्षा का सबसे महत्वपूर्ण साधन है। हमें अपनी सुरक्षा और समाज की सुरक्षा के लिए वैक्सीनेशन को प्राथमिकता देनी चाहिए। WHO ने भी इस वेरिएंट को लेकर सावधान किया है इस वॉर्निंग की दो वजहे हैं पहली वजह ये है कि इस वेरिएंट में अब तक 40 से ज्यादा म्यूटेशन्स हो चुके हैं, इतनी तेजी से शक्ल बदलने वाला ये कोविड का पहला वेरिएंट कहा जा सकता है।

दूसरी वजह ये है कि इस पर वैक्सीन से मिली इम्युनिटी काम नहीं कर पा रही है ।ये वेरिएंट सबसे पुष्टि लक्ज़मबर्ग में हुई,जो उत्तर पश्चिमी यूरोप का एक छोटा सा देश है। लेकिन अब इसके शिकार हुए मरीज इंग्लैंड, फ्रांस, आइसलैंड और अमेरिका में भी मिल चुके है।

 

इस समय में, हमारी सावधानी और सुरक्षा हमारी सुरक्षा की जमीन बनती है। हमें स्वस्थ और सुरक्षित रहने के लिए नए संकट के खिलाफ तैयार रहना होगा। संक्रमण के नए वेरिएंट्स के आने से हमें और भी जिम्मेदारी के साथ चलना होगा। हमें सतर्क रहना होगा, वैक्सीनेशन को पूरा करना होगा और सामाजिक दूरी का पालन करना होगा। हमें सभी मिलकर इस मुश्किल वक्त में समर्थन करना होगा।

 

इस संकट के समय में हमें अपने स्वास्थ्य की देखभाल को प्राथमिकता देनी चाहिए। हमारी जिम्मेदारी है कि हम सभी में संक्रमण और बढ़ते मामलों को रोकने में मदद करें। इससे हम सभी मिलकर सुरक्षित रह सकेंगे, WHO द्वारा दी गयी गायडलाइन्स का पालन करना चाहिए।

 

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