Politics

Loksabha में Amit Shah द्वारा नए Criminal Bill को कराया गया पास

यह बिल लोकसभा में विपक्ष के नेताओं की अनुपस्थिति में पास किया गया जिन्हें निलंबित किया गया था इसके बाद यह बिल राज्यसभा में रखा जाएगा, वहां से पास होने के बाद इसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा।

लोकसभा में अमित शाह जी द्वारा प्रस्तुत 3 नए क्रांतिकारी कानूनों को बुधवार को लोकसभा में पास कर दिया गया। यह बिल लोकसभा में विपक्ष के नेताओं की अनुपस्थिति में पास किया गया जिन्हें निलंबित किया गया था इसके बाद यह बिल राज्यसभा में रखा जाएगा, वहां से पास होने के बाद इसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा।

भारत न्यायायिक व्यवस्था पिछले 7 दशकों से 160 वर्ष पूराने ब्रिटिशों के कानून IPC, CrPC, इंडियन एविडेंस एक्ट से चलता था। तब यह कानून ब्रिटिश शासन के हितों के अनुकूल बनाए गए थे न कि जनता केंद्रित। गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में गुलामी की निशानी से भरे IPC, CrPC एवं इंडियन एविडेंस एक्ट निरस्त कर न्याय देने वाले तीन नए बिल लाए गए हैं।

 

जिन्हें बुधवार को लोकसभा में पास करा दिया गया भारतीय न्यायिक व्यवस्था में इन आवश्यक बदलावों को स्थापित करना अति आवश्यक था, आजादी के 7 दशकों बाद भी हम ब्रिटिशों की कैद में थे, वर्तमान सरकार ने कॉलेजियम को हटाकर भारतवासियों के हित में नए कानूनों को लाया है, जो भारत के नागरिकों के हितों में बनाया गया है। कानून व्यवस्था को आधुनिकता से जोड़कर न्याय प्रणाली को तीव्र किया है ताकि इंसाफ का मांग के लिए एक आदमी अपनी पूरी जिंदगी दाव पर न लगा दे। इन तीन नए कानूनों में बदलाव से भारत में वो हुआ है जो आज से पहले कभी नहीं हुआ।

भारतीय संविधान के तहत, कानूनों का महत्त्वपूर्ण योगदान है जो समाज की सुरक्षा और न्याय को सुनिश्चित करते हैं। हाल ही में हुए कुछ महत्त्वपूर्ण तीन नए क्रिमिनल बिलों की मंजूरी और उनके लोकसभा में पारित होने पर चर्चा का केंद्रीय बिंदु बना है। इन बिलों के पारित होने से पहले के कानूनों में सुधार की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। यह न केवल अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की संभावना लेकर आता है, बल्कि नए कानून मानवीय संरक्षा और समाज की सुरक्षा को भी प्राथमिकता देने का वादा करता है। इन परिवर्तनों के माध्यम से न्यायिक प्रक्रिया में व्यापक परिवर्तन होने का दावा किया गया है। यह संशोधन सीआरपीसी, बीएनएस, और बीएसए को समेकित करके भारतीय न्याय प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव लाने का प्रयास किया गया है।

 

गृहमंत्री अमित शाह ने इन नए क्रिमिनल बिलों के माध्यम से एक नयी यात्रा की घोषणा की है, जहां अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के साथ-साथ पुलिस की भी ज़िम्मेदारी बढ़ाई गई है। इन बिलों में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखा गया है, जो समाज के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

क्रिमिनल लॉ परिवर्तनों में अदालती प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने का प्रयास किया गया है। इन संशोधनों में अपराध की परिभाषा में विस्तार किया गया है और इसने जुर्माने और सजा में भी बदलाव किया है। संशोधित कानूनों में विभिन्न अपराधों की परिभाषा में वृद्धि की गई है जिसमें संगठित अपराध, आतंकवाद, धोखे से महिलाओं का यौन शोषण, छीनना, भारत की संप्रभुता और एकता को खतरे में डालने वाले कृत्य शामिल हैं। इन संशोधनों से अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की संभावना बढ़ी है।

साथ ही, इलेक्ट्रानिक और डिजिटल रिकॉर्ड्स को भी अब अपराधी के साक्ष्य के रूप में माना जाएगा, जो अदालती प्रक्रिया को और विश्वसनीय बनाएगा। इन संशोधनों का असर यह हो सकता है कि अब जुर्माने और सजा में वृद्धि होने से अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इससे जनता में भरोसा बढ़ सकता है कि न्यायिक प्रक्रिया में तेजी होगी और अपराधियों को जल्द से जल्द सजा होगी।

क्रिमिनल लॉ के इन संशोधनों के माध्यम से जानकारी को इलेक्ट्रानिक रूप से रखा गया है जिससे कि पुलिस और अन्य न्यायिक अधिकारियों को तुरंत और सही सूचना मिल सके। इस संशोधन के माध्यम से कानूनी प्रक्रिया में बदलाव लाने की कोशिश की गई है, जिससे न्यायिक प्रक्रिया में तेजी और अनुकूलता आ सके। शाह ने बताया कि इन बिलों के माध्यम से सरकार ने समाज में उन बुराईयों को मिटाने की कड़ी इच्छा दर्शाई है, जो विभिन्न स्तरों पर मानवता को चोट पहुंचाती थीं।

 

ये खबर भी पढ़ें : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री करने वोले मामले में डिफेंस कॉलोनी थाने में शिकायत दर्ज, दिल्ली पुलिस द्वारा जांच शुरू

 

इस संदर्भ में, नए कानूनों के माध्यम से समाज में जागरूकता और सच्चाई की बात करने की ज़रूरत है। लोगों को इसके महत्त्व को समझाने और समर्थन देने की आवश्यकता है ताकि ये कानून समाज में समर्थन पा सकें और उनकी सफलता में सहायता कर सकें। इन कानूनों के माध्यम से उठाए गए कदमों की व्यापक जानकारी और समझ लोगों को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी। समाज को इसकी महत्ता समझाने के लिए उचित साधनों का उपयोग करना चाहिए ताकि इस दिशा में होने वाले प्रगति को बढ़ावा मिल सके।

 

यह नए कानून समाज में जागरूकता, सुरक्षा, और न्याय की महत्ता को समझाते हैं। इन्हें समर्थन देने से पहले उनकी व्यापक समझ और गहरी जानकारी होनी चाहिए ताकि वे समाज के हित में योगदान कर सकें।

 

इस तरह के कानूनों का मानवीय स्तर पर जोरदार प्रभाव होता है जो समाज के हर व्यक्ति की सुरक्षा और सम्मान को सुनिश्चित करता है। इन नए कानूनों के माध्यम से देश में न्याय प्रणाली में सुधार लाने का यह प्रयास आगे बढ़ावा देता है और मानवीयता को सशक्त बनाता है। इस प्रकार, नए कानूनों का पारित होना एक नयी दिशा की ओर एक महत्त्वपूर्ण कदम है जो समाज में सुरक्षा, न्याय, और मानवीयता को मजबूत करता है।

 

 

 

Follow us on :

Instagram:  https://www.instagram.com/chaupalkhabarnews/

Facebook: https://www.facebook.com/ChaupalKhabarNews

Twitter:  https://twitter.com/ChaupalKhabar

You Tube  : https://www.youtube.com/@ChaupalKhabar

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button