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Lalan Singh के इस्तीफे के बाद, JDU कि कमान Nitish Kumar के हाथ

नीतीश कुमार को सर्वमान्य नेता के रूप में परिगणित किया गया है, और उन्हें पार्टी की अगुवाई करने का महत्त्वपूर्ण कार्य सौंपा गया है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नेतृत्त्व में बिहार के राजनीतिक स्तर पर गहने परिवर्तनों की घटना दर्ज की गई है। जनता दल (यूनाइटेड) या जेडीयू की नेतृत्त्व स्थान पर एक नया अध्यक्ष नियुक्ति के बाद, पार्टी के राजनीतिक दृष्टिकोण में कई महत्त्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। इससे नकारात्मकता की भावना से भरी राजनीतिक गलियारों में तेज चर्चाएं छिड़ गई हैं।

 

ललन सिंह की इस्तीफे देने के बाद, जेडीयू के नेता नीतीश कुमार को पार्टी की कमान सौंपी गई है। नीतीश कुमार को सर्वमान्य नेता के रूप में परिगणित किया गया है, और उन्हें पार्टी की अगुवाई करने का महत्त्वपूर्ण कार्य सौंपा गया है। इस महत्त्वपूर्ण बैठक में जेडीयू के नेताओं ने व्यापक निर्णय लिये हैं, जो पार्टी की भविष्य को देखते हुए महत्त्वपूर्ण हैं।

 

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इस संदर्भ में, गठबंधन सरकार के मुख्य भागीदार लालू यादव के साथ ललन सिंह की निकटता में बढ़ती अवस्था ने पार्टी के टॉप पद पर बदलाव को जन्म दिया है। यह बदलाव आने वाले मुख्यमंत्री चुनाव के संदर्भ में हुआ है, जहां पार्टी अपनी भूमिका को मजबूत करने के लिए प्रयासरत है। जो राजनीतिक समीकरण में तेज़ी से बदलाव ला सकता है। गलियारों में बातें हैं कि जेडीयू को अपने नेता और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को आगे बढ़ाने के लिए दबाव डालने की संभावना है।

बिहार में लोकसभा चुनाव में जेडीयू 40 सीटों में से कम से कम 17 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है और बाकी 23 सीटें पर आरजेडी, कांग्रेस और सीपीएम (एमएल) चुनाव लड़ेगी। नीतीश कुमार को खुद का कद बढ़ाने की कोशिश है, और उन्होंने इस दिशा में कदम उठाया है।

इसके बावजूद, उन्होंने प्रधानमंत्री पद की दावेदारी को नकारा है और सभी विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने का प्रयास किया है। नीतीश कुमार की भूमिका इंडिया गठबंधन को सम्मिलित करने में महत्त्वपूर्ण मानी जाती है, जो राष्ट्रीय राजनीति में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका को दर्शाती है।

 

बिहारी राजनीति में नए मोड़ और नये रुझानों के बीच, नीतीश कुमार के नेतृत्त्व में जेडीयू का स्थायी रूप से बदलता चेहरा देखने को मिल रहा है। यह बदलाव न केवल बिहार की राजनीति में बल्कि पूरे देश की राजनीतिक दायरे में भी महत्त्वपूर्ण साबित हो सकता है।

बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव और इंडिया गठबंधन के सहयोगियों के साथ सीटों के बंटवारे पर भी चर्चा हुई है। बिहार में राजनीतिक संगठनों के बीच सीटों के बंटवारे पर बातचीत जारी है, जिसमें अलग-अलग दलों की रायें उभर रही हैं।

इसी क्रम में, केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के नेता गिरिराज सिंह ने सीएम नीती कुमार की खतरे में जगह देने का दावा किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री पद की जगह मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को संभालने का दावा किया है, और इसके साथ ही जेडीयू का RJD में विलय भी उन्होंने बताया है।

बिहार में इस समय सरकारी कुर्सी पर तीखी राजनीतिक जंग देखने को मिल रही है। जेडीयू के पास 45 विधायक हैं, जबकि आरजेडी के पास 79 विधायक हैं।

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