राशन घोटाले पर TMC नेता के यहां ED की रेड टीम पर सैकड़ों की भीड़ ने किया हमला, वाहनों में भी तोड़फोड़
इस विवाद की शुरुआत पश्चिम बंगाल में राशन की वितरण प्रणाली के बारे में खुलासे से हुई थी, जिसमें सार्वजनिक वितरण प्रणाली से लगभग 30 प्रतिशत राशन बाजार में भेज दिया गया था
राशन घोटाले के मामले में विवाद और उथल-पुथल की बातें जारी हैं। उत्तर 24 परगना जिले में ईडी टीम की छापेमारी पर ग्रामीणों ने किया हमला, जिससे दुर्घटनाएं बढ़ीं । इस विवाद की शुरुआत पश्चिम बंगाल में राशन की वितरण प्रणाली के बारे में खुलासे से हुई थी, जिसमें सार्वजनिक वितरण प्रणाली से लगभग 30 प्रतिशत राशन बाजार में भेज दिया गया था। जांच एजेंसियों के मुताबिक, इस चोरी के बाद मिले पैसे मिल-मालिकों और वितरकों के बीच बांटी गईं।
चावल मिल मालिकों ने किसानों के नाम पर फर्जी बैंक खाते खोले और भुगतान की जाने वाली धान उत्पादकों की धनराशि अपनी जेब में डाल ली। यह बात संदिग्ध बनाती है कि चावल मिल मालिकों ने प्रति क्विंटल लगभग 200 रुपये कमाए थे। पिछले कुछ समय से प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में विभिन्न लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें बंगाल के मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक भी शामिल हैं।
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राशन घोटाले में जांच के दौरान, ईडी टीम ने अनेकों बार छापेमारी की है, जिसमें चावल मिल मालिक बकीबुर रहमान को भी गिरफ्तार किया गया था। रहमान ने कथित तौर पर शेल कंपनियों की श्रृंखला खोली और पैसे निकाले थे। यहां उठी जानी वाली उथल-पुथल ने गांवों में आक्रोश और उत्तेजना भड़का दी है। जो टीम छापेमारी करने पहुंची थी, उसमें ईडी के अधिकारी भी शामिल थे, जिनकी गाड़ी भी तोड़ दी गई।
इस मामले में ग्रामीणों का विरोध प्रकट हो रहा है। वे अपने नेताओं के खिलाफ खुलकर प्रतिक्रिया दिखा रहे हैं, जो आरोपित हैं। इसके अलावा, सुरक्षाबलों की गाड़ियों को भी निशाना बनाया गया, जो बड़ी समस्या को दर्शाता है। ऐसी स्थितियों में सुरक्षा की सबसे बड़ी चुनौती होती है। जरूरत है कि संबंधित अधिकारियों को स्थिति को नियंत्रित करने और शांति बनाए रखने के लिए सक्रिय उपाय करने चाहिए।
समाज की विश्वासघातक स्थितियों को देखते हुए, सरकार को अत्यंत सतर्क रहने की जरूरत है। न्यायपालिका को निर्णय देने में विशेष जिम्मेदारी है, ताकि सच्चाई सामने आ सके और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो सके। इस संकटकाल में, शांति और सुरक्षा को बनाए रखना हर किसी की जिम्मेदारी है। सरकार, व्यवस्थाएं, और लोग साथ मिलकर इस समस्या का समाधान ढूंढ सकते हैं और समाज में विश्वास को पुनः स्थापित कर सकते हैं।
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