पार्टी नेता और बड़े उद्योगपति मनोज यादव ने छोड़ी सपा पार्टी, डिंपल यादव को टिकट का ऐलान होते ही मैनपुरी में अखिलेश को लगा बड़ा झटका
मनोज यादव की राजनीतिक यात्रा मैनपुरी से शुरू हुई और सपा में उन्होंने अखिलेश यादव के साथ मिलकर कई चुनाव लड़े।
मनोज यादव, आरसीएल ग्रुप के चेयरमैन, ने सपा से इस्तीफा दे दिया है, जिसके बाद उनकी बीजेपी के साथ जुड़ने की संभावना भी सामने आ रही हैं। उनके इस कदम से सपा को कठिनाईयों का सामना करना पढ़ सकता है।
मनोज यादव की राजनीतिक यात्रा मैनपुरी से शुरू हुई और सपा में उन्होंने अखिलेश यादव के साथ मिलकर कई चुनाव लड़े। उन्होंने विभिन्न चरणों में पार्टी के लिए सक्रिय भूमिका निभाई, लेकिन हाल के इस्तीफे में उन्होंने सपा के कुछ नेताओं के साथ उनकी टकराहटों को लेकर अपने विचार व्यक्त किये। उनका आरोप है कि सपा में पारिवारिक कलह बढ़ रहा है और स्थानीय स्तर पर नेताओं के बीच चाटुकारिता और टांग खींचने का माहौल है।
मनोज यादव ने कहा, सपा अब जनता के लिए काम नहीं कर पा रही है। बीजेपी सरकार में बिना किसी पक्षपात के काम किया जा रहा है और उनकी कंपनी के पास भी करोड़ों रुपए के काम हैं जबकि सपा सरकार में उनको काम मिलने में बहुत दिक्कत हो रही थी खासकर शिवपाल यादव से, हालाँकि मनोज यादव सपा के प्रमुख अखिलेश यादव के करीबी माने जाते हैं और इसके साथ ही पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव से भी उनकी काफी नजदीकियां रही हैं। इसके बावजूद उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया यह विषय का मुद्दा बन सकता है।
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सपा ने मंगलवार को 16 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है। और इससे प्रदेश में राजनीतिक गतिशीलता में बढ़ोतरी हो रही है। उनकी पहली लिस्ट में 11 OBC, 1 मुस्लिम, 1 दलित, 1 ठाकुर, 1 टंडन और 1 खत्री उम्मीदवार शामिल हैं, जो पार्टी की सांसद विधायिका डिंपल यादव को मुख्यमंत्री पद के लिए उम्मीदवार घोषित किया गया है। इस लिस्ट में 11 OBC उम्मीदवारों में 4 कुर्मी, 3 यादव, 2 शाक्य, 1 निषाद और 1 पाल समुदाय से हैं, जो पार्टी की समर्थन बढ़ा सकते हैं। सपा ने अयोध्या लोकसभा (सामान्य सीट) पर दलित वर्ग के पासी प्रत्याशी को टिकट दिया है, जिससे पार्टी ने अपने विचारों को बहुजन समुदाय के प्रति संवेदनशीलता व्यक्त किया है।
इस चुनाव में ये उम्मीदवार कहां से उतरेंगे, इसका बहुत बड़ा महत्व है। शाफिकुर रहमान बर्क, जो संभल से हैं, फिरोजाबाद से अक्षय यादव, मैनपुरी से डिंपल यादव, एटा से देवेश शाक्य, बदायूं से धर्मेंद्र यादव, खीरी से उत्कर्ष वर्मा, धौरहरा से आनंद भदौरिया, उन्नाव से अनु टंडन, लखनऊ से रविदास मेहरोत्रा, फर्रुखाबाद से नवल किशोर शाक्य, अकबरपुर से राजाराम पाल, बांदा से शिव शंकर सिंह पटेल, फैजाबाद से अवधेश प्रसाद, अंबेडकर नगर से लालजी वर्मा, बस्ती से राम प्रसाद चौधरी, गोरखपुर से काजल निषाद – ये सभी उम्मीदवार पार्टी के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं।
साथ ही, सपा ने अखिलेश यादव को मिर्जापुर सीट प्रभारी और पूर्व मंत्री सुंदर सिंह को वाराणसी सीट प्रभारी नियुक्त किया है, जिससे प्रदेश में उनका स्थान सुदृढ़ हो सकता है। चुनाव में सपा की चुनौती बढ़ रही है और इसमें उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया और उनके प्रति जनमत का विश्वास महत्वपूर्ण होगा। पार्टी को जनता के बीच अपने विचारों को सही तरीके से पहुंचाने के लिए यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके उम्मीदवार लोगों के दिलों में स्थान बना सकें और चुनौती को सफलता में बदल सकें।
By Neelam Singh.
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