Religious

लोकसभा में राम मंदिर पर गृह मंत्री के वक्तव्य कहा, ‘भारत की संस्कृति और रामायण को अलग करके देखा ही नहीं जा सकता’

अमित शाह के अनुसार, यह संघर्ष हमें दिखाता है कि भारतीय समाज धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को सम्मान और संरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है।

अमित शाह की उक्तियों ने देश की धार्मिक और सांस्कृतिक भूमि के उत्थान की कथा को एक नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया है। उन्होंने राम जन्मभूमि मुद्दे के आधार पर विशेष रूप से भारतीय समाज की धार्मिक और सांस्कृतिक उपलब्धियों को संजीवित कर अपने भाषण के माध्यम से राम मंदिर की उपलब्धियों को उजागर किया ।

Ram Mandir built following legal and constitutional mandate,' says Amit  Shah - The Week

 

1528 से आरंभ हुआ राम मंदिर आंदोलन एक नहीं, बल्कि कई पीढ़ियों का संघर्ष और तपस्या का परिणाम है। अमित शाह के अनुसार, यह संघर्ष हमें दिखाता है कि भारतीय समाज धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को सम्मान और संरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है। आंदोलन के समय सिर्फ धार्मिक और सांस्कृतिक नेताओं ने ही अपना योगदान नहीं दिया, बल्कि सामाजिक एवं न्यायिक जगत के विशेषज्ञों ने भी इस लड़ाई में भाग लिया। इस ऐतिहासिक घटना में हर व्यक्ति ने अपनी भूमिका निभाई और योगदान दिया है।

 

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अमित शाह के विचारों में, राम जन्मभूमि का इतिहास एक बहुमुखी और गौरवमय सागा है। यह न केवल एक मंदिर के निर्माण की कथा है, बल्कि धार्मिक स्थलों के प्रति समर्पण और समर्थन का एक उत्कृष्ट उदाहरण भी है। उन्होंने अपने भाषण में उज्ज्वलता और उत्साह के साथ कहा कि आज के दिन देश की आध्यात्मिक चेतना का पुनर्जागरण है। यह एक मानवाधिकारों के लिए महत्वपूर्ण कदम है, जो देश की शांति, समृद्धि, और एकता के लिए अत्यंत आवश्यक है।

 

Jai Shri Ram' Isn't Someone's Property: What Opposition Leaders Said on the Ram  Mandir Event

 

 

उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को भारतीय समाज की आस्था और संस्कृति के प्रति एक विजय के रूप में देखा। इसके साथ ही, उन्होंने बताया कि भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी के वादे को आवागमन के रूप में पूरा किया गया है। उन्होंने ध्यान दिया कि राम मंदिर निर्माण के साथ ही, सामान्य नागरिक संहिता के प्रति भी समर्पित होना चाहिए। इससे समाज को समृद्धि और समानता के लक्ष्य की प्राप्ति होगी। उन्होंने अपने भाषण में समाज को एकता और सहयोग के मार्ग पर आमंत्रित किया। और कहा की राम मंदिर के निर्माण का उद्घाटन सिर्फ एक विवाद का समापन नहीं है, बल्कि एक नए भारतीय समाज की उम्मीद है।

 

अमित शाह के उक्तियों ने विवादों को पार करके, एकता और समानता की दिशा में देश को आगे बढ़ाने की प्रेरणा दी है। जिससे सामाजिक सुधार और सांस्कृतिक समृद्धि को एक नयी दिशा मिली है। शाह के भाषण ने देशवासियों को सांस्कृतिक एकता और धार्मिक सहयोग के माध्यम से समृद्धि की ओर ले जाने के लिए प्रेरित किया है। इसके साथ ही, उन्होंने ध्यान दिया कि राम मंदिर का निर्माण सिर्फ एक भव्य स्थल के रूप में नहीं, बल्कि एक नए भारत के उत्थान का प्रतीक है।

 

By Neelam Singh.

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