बहुजन समाज पार्टी को बड़ा झटका BJP में शामिल हुए बीएसपी नेता रितेश पांडे , पार्टी से दिया इस्तीफा…
रितेश पांडे के पिता, राकेश पांडे, एक समाजवादी पार्टी के विधायक हैं, जो अंबेडकर नगर के जलालपुर विधानसभा से विधायक के पद पर हैं।
राजनीतिक दलों में घमासान के बाद, उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक और महत्वपूर्ण घटना देखने को मिली है। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के नेता रितेश पांडे ने बीएसपी से इस्तीफ़ा दे दिया है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए हैं। उत्तर प्रदेश प्रभारी बैजयंत पांडा, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने उनका स्वागत बीजेपी में किया। रितेश पांडे के पिता, राकेश पांडे, एक समाजवादी पार्टी के विधायक हैं, जो अंबेडकर नगर से विधायक के पद पर हैं।
रितेश पांडेय ने अपने इस्तीफे पत्र में बीएसपी के समर्थकों को धन्यवाद दिया और मायावती के साथ कार्य करने का अवसर देने के लिए शुक्रिया अदा किया। उन्होंने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि उन्हें पार्टी के नेतृत्व द्वारा उचित सहयोग नहीं मिल पा रहा था। इसके साथ ही, रितेश पांडे ने अपने पत्र में बताया कि उन्हें पार्टी के संगठन में उचित स्थान नहीं मिला और जिसके साथ उन्हें केवल विवाद और असंतोष का सामना करना पड़ा। इससे प्रेरित होकर उन्होंने फैसला किया कि वे बीएसपी से इस्तीफा दें।
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इस घटना के बाद, बीएसपी की प्रमुख मायावती ने एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने अम्बेडकर जी के संदेश का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी देश की पूंजीवादी पार्टियों से अलग है और उनका मिशन स्वाभिमान और समाजिक न्याय की दिशा में है। उन्होंने अपने समर्थकों से पार्टी के उद्देश्यों को समझने और समर्थन करने का आग्रह किया। बीएसपी के सांसदों के लिए भी एक संदेश है कि वे अपने क्षेत्र में लोगों के साथ संपर्क बनाए रखें और पार्टी के मिशन और उद्देश्यों को समझें। इस घटना से स्पष्ट होता है कि बीएसपी को अपने सदस्यों के साथ सही नियोजन और संगठन का महत्व समझने की आवश्यकता है। यह एक चेतावनी भी है कि राजनीतिक दलों को अपने मिशन और उद्देश्यों के लिए सच्चे समर्थकों को साथ रखना आवश्यक है।
इस तरह के घटनाक्रम राजनीतिक दलों के बीच संघर्ष को और भी तेज़ कर सकते हैं, लेकिन यह भी दिखाते हैं कि राजनीति में बदलाव की हवा चल रही है। बीएसपी के लिए यह एक चुनौती का समय है, जिसमें पार्टी को अपने स्थायित्व को सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय रूप से काम करना होगा।
वहीं, भाजपा ने एक और राजनीतिक धारा को अपनी ओर आकर्षित किया है, जिससे उसकी बारीकियों को समझने की आवश्यकता है। इस बीच, राजनीतिक प्रक्रिया में संवेदनशीलता और नैतिकता को बनाए रखना आवश्यक है ताकि लोगों में भरोसा बना रहे और राजनीतिक प्रक्रिया में स्थिरता बनी रहे।
By Neelam Singh.
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