Chaupal KhabarCourt RoomPoliticsTop Story

Supreme Court द्वारा सांसदों को कानूनी छूट से इनकार, सदन में नोट लेकर दिया वोट या भाषण तो चलेगा केस….

सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिसमें वोट के बदले नोट मामले पर कानूनी गतिरोध को समाप्त करने का निर्णय दिया गया है। इस नए निर्णय के अनुसार, अब सांसदों या विधायकों को अगर सदन में पैसे लेकर वोट देते हैं या भाषण करते हैं, तो उनके खिलाफ केस चलाया जा सकेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिसमें वोट के बदले नोट मामले पर कानूनी गतिरोध को समाप्त करने का निर्णय दिया गया है। इस नए निर्णय के अनुसार, अब सांसदों या विधायकों को अगर सदन में पैसे लेकर वोट देते हैं या भाषण करते हैं, तो उनके खिलाफ केस चलाया जा सकेगा। यह फैसला भारतीय राजनीति में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है।

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने पिछले फैसले को बदलते हुए एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। 1998 में नरसिम्हा राव के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने 3:2 बहुमत से तय किया था कि सांसदों पर इस मुद्दे के लिए मुकदमा नहीं चलाया जा सकता। लेकिन अब, नए फैसले के अनुसार, राजनीतिज्ञों को भ्रष्टाचार के आरोप में कानूनी छूट नहीं मिलेगी। चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस फैसले में सहमति से यह निर्णय लिया है कि भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी को खत्म कर देती है। सम्बंधित सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने विवाद के सभी पहलुओं पर स्वतंत्र रूप से निर्णय लिया है।

चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस फैसले में सहमति से यह निर्णय लिया है कि भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी को खत्म कर देती है।

इस नए फैसले के परिणामस्वरूप, सांसदों और विधायकों को राजनीतिक मामलों में भ्रष्टाचार करने की छूट नहीं मिलेगी। यह निर्णय राजनीतिक प्रक्रिया में पारदर्शिता और न्याय की महत्वपूर्ण स्थापना है। इस निर्णय के पहलू पर समय-समय पर उठी  राजनीतिक विवादों की रोशनी में, यह फैसला सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। अब सांसदों और विधायकों को अपनी कार्रवाई में पारदर्शिता और ईमानदारी बनाए रखने के लिए जिम्मेदार बनाया जाएगा। इस नए फैसले के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता के विश्वास को बढ़ावा दिया है। यह भारतीय लोकतंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है जो राजनीतिक प्रक्रिया को और भी पारदर्शी और न्यायसंगत बनाए रखने में मदद करेगा।

अब से, सांसदों और विधायकों को राजनीतिक कार्रवाई में अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए पारदर्शिता और ईमानदारी की प्राथमिकता देनी होगी। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि लोकतंत्र में न्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में हम सभी मिलकर सामने आएं। सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय एक महत्वपूर्ण परिवर्तन है जो भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में नए समय की शुरुआत करेगा। यह हमें सभी को याद दिलाता है कि राजनीतिक प्रक्रिया में पारदर्शिता और ईमानदारी की महत्वपूर्ण भूमिका है, और हमें इसे सुनिश्चित करना होगा कि यह मूल्य समाज के हर सदस्य द्वारा पालन किया जाए।

 

 

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button