INDIA गठबंधन ने दिया आठ सीटों का ऑफर, चिराग पासवान को अपने खेमे में शामिल करने की तैयारी…
बिहार में राजनीति का महौल हमेशा ही उत्तेजनापूर्ण रहता है। वर्तमान में, एनडीए में सीट बंटवारे की घड़ी पर चिराग पासवान और पशुपति पारस के बीच तकरार का सिलसिला जारी है।
चिराग पासवान और पशुपति पारस, जो लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता हैं, को एनडीए में छह सीट देने की बात कही जा रही है, लेकिन दोनों इस विवादित मुद्दे पर सहमत नहीं हैं। चिराग पासवान की मांग है कि उन्हें लोकसभा चुनाव में उसी संख्या की सीटें दी जाएं, जैसा कि 2019 में उन्होंने जीती थीं। वहीं, पशुपति पारस का दावा है कि उनकी पार्टी के साथ एक संयुक्त बातचीत के बाद, उन्हें भी छह सीटों की दावेदारी की जानी चाहिए। इससे पहले, हाजीपुर लोकसभा सीट को लेकर भी उनके बीच में एक उत्तेजनापूर्ण विवाद चल रहा है। चिराग पासवान ने अपने पिता और पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान की विरासत का हवाला देते हुए हाजीपुर सीट पर भी दावेदारी की है, जो कि पशुपति पारस के भीतर नाराजगी का कारण बन गया है।
नीतीश कुमार के वापसी के बाद, एनडीए में सीटों के बंटवारे के मामले में और भी ज्यादा उत्तेजना बढ़ी है। महागठबंधन के एक अंग के रूप में, चिराग पासवान को आठ लोकसभा सीटों की पेशकश की गई है, जिसमें दो उत्तर प्रदेश की सीटें भी शामिल हैं। चिराग पासवान द्वारा महागठबंधन के इस ऑफर पर अभी तक कोई स्पष्ट रुख नहीं है। लेकिन अगर उन्हें एनडीए में उनकी मांग के अनुसार सीटें नहीं मिलती हैं, तो महागठबंधन का रास्ता उनके लिए खुला है। इसी बीच, राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी चिराग पासवान के लिए महागठबंधन के दरवाजे खोल दिए हैं, जिसके माध्यम से उन्होंने साफ किया कि जिनको महागठबंधन में शामिल होना है, उन्हें फैसला लेना होगा।
इस तरह, बिहार में राजनीति का दिल एक बार फिर से हलचल में है। चुनावी समय के करीब आते ही, सियासी दलों के बीच सीटों के बंटवारे के मुद्दे और तकरारें बढ़ती जा रही हैं। इस उत्तेजनापूर्ण माहौल में, सभी नेताओं की समझदारी और संवेदनशीलता की आवश्यकता है, ताकि राज्य के लोगों को एक समृद्ध और सुरक्षित भविष्य का मार्ग प्रशस्त हो सके।