कोटा के कुन्हाड़ी थर्मल चौराहे में दर्दनाक घटना, 15 बच्चे करंट की चपेट में आने से झुलसे….
राजस्थान के कोटा शहर में महाशिवरात्रि के अवसर पर निकाली जा रही शिव बरात एक दुखद घटना बदल गई जब हाइटेंशन वायरल की चपेट में आने से 15 बच्चे जीवन से हार गए।
राजस्थान के कोटा शहर में महाशिवरात्रि के अवसर पर निकाली जा रही शिव बरात एक दुखद घटना बदल गई जब हाइटेंशन वायरल की चपेट में आने से 15 बच्चे करंट की चपेट में आने से झुलस गए। इस दुर्भाग्यपूर्ण हादसे में एक बच्चे की स्थिति क्रिटिकल है। सभी बच्चों को एमबीबीएस अस्पताल में भर्ती किया गया है।
हादसा कुन्हाड़ी थर्मल चौराहे के पास दोपहर साढ़े 12 बजे के करीब हुआ। शिव बरात में कई बच्चे धार्मिक झंडे लेकर चल रहे थे, जब एक झंडा हाइटेंशन लाइन से टच हो गया।जिसके बाद यह हादसा हो हुआ।घटना के बाद एकाएक अफरा-तफरी मच गई। बच्चों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया और उनका उपचार शुरू कर दिया गया। एमबीबीएस अस्पताल में एक बच्चे की हालत नाजुक है जबकि अन्य बच्चों की स्थिर है।
प्रशासन भी इस हादसे पर सक्रिय हो गया है। मेडिकल टीम को तुरंत अलर्ट किया गया और घायल बच्चों के परिजनों को अस्पताल पहुंचाया गया। आईजी रविदत्त गौड़ ने बताया कि एक बच्चा 70 प्रतिशत और एक 50 प्रतिशत झुलस गया है, जबकि अन्य बच्चे 10 प्रतिशत तक झुलसे हैं। हर साल कोटा के काली बस्ती में शिव बरात का आयोजन होता है। इस बार कई बच्चे अपने परिजनों के बिना ही शिव बरात में शामिल हो गए थे। लोगों का कहना है कि आयोजकों की गलती से यह हादसा हुआ है। इसी कारण आयोजकों के खिलाफ नाराज परिजनों ने उनकी पिटाई कर दी।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्य के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर और अन्य अधिकारी भी घायल बच्चों के इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे। बिरला ने पत्रकारों को बताया कि घटना बेहद दुखद है और इसकी जांच की जाएगी। इस संदर्भ में, हरसंभव सर्वश्रेष्ठ इलाज प्रदान किया जा रहा है और बच्चों को संवेदनशीलता से देखाजा रहा है। इस दुखद घटना से प्रेरित होकर, सार्वजनिक और निजी संस्थानों को सुरक्षित समारोह आयोजित करने के लिए सतर्क रहने की जरूरत है।
अब इस हादसे के विश्वास की प्रक्रिया चल रही है, जिसमें प्रशासनिक और न्यायिक अधिकारी शामिल हैं। उन्हें बच्चों की जिम्मेदारी और सही इलाज सुनिश्चित करने के लिए सुनिश्चित करना होगा, ताकि इस त्रासदी से प्रभावित परिवारों को न्याय मिल सके। इस हादसे के प्रमुख कारणों की जांच और बचाव के उपायों की अवलोकन करने के लिए सभी संबंधित अधिकारियों को जिम्मेदारी के साथ काम करना चाहिए, ताकि ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को भविष्य में रोका जा सके।