सिद्धू का दावा- भगवंत मान ने कांग्रेस ज्वाइन करने के लिए किया था संपर्क कहा ‘या तो आप AAP में आ जाओ या मुझे कांग्रेस में बुला लो…
नवजोत सिंह सिद्धू, जो कांग्रेस के एक प्रमुख नेता हैं, ने हाल ही में एक मीडिया इंटरव्यू में महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने बताया कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक बार उनसे संपर्क किया था और पार्टी में शामिल होने की इच्छा जताई थी।
नवजोत सिंह सिद्धू, जो कांग्रेस के एक प्रमुख नेता हैं, ने हाल ही में एक मीडिया इंटरव्यू में महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने बताया कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक बार उनसे संपर्क किया था और पार्टी में शामिल होने की इच्छा जताई थी। इस इंटरव्यू में, जिसे उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर साझा किया, सिद्धू ने यह भी कहा कि उनके भाजपा में शामिल होने की अफवाह सुनाई गई थी, लेकिन पार्टी ने उनसे कोई संपर्क नहीं किया था। मान की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
सिद्धू ने मीडिया को बताया कि , “मैं आपको एक बात बताना चाहता हूं कि असल में मुझसे किसने संपर्क किया था।आम आदमी पार्टी के नेता भगवंत मान साहब मेरे पास समझौता करने आए थे। और यदि वह कहेंगे तो मैं उन्हें वह जगह भी बता दूँगा , जहां वे मुझसे मिले थे।” उन्होंने इस इंटरव्यू में यह भी खुलासा किया कि मान ने उनसे बात करते हुए कहा था कि अगर वह आम आदमी पार्टी में शामिल हो जाते हैं, तो उन्हें वह अपना डिप्टी बना देंगे। सिद्धू ने यह भी दावा किया कि उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से कहा कि वह कांग्रेस के नेताओं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के प्रति प्रतिबद्ध हैं और उनके लिए उन्हें छोड़ना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि मैंने मान से कहा था कि अगर वह चाहें तो कांग्रेस में शामिल होने के लिए उनका स्वागत है और इसके लिए उन्हें दिल्ली में पार्टी नेतृत्व से बात करनी पड़ेगी।
इसके बाद कोई और चर्चा नहीं हुई। सिद्धू ने कहा कि उनका एकमात्र उद्देश्य पंजाब के लोगों की सेवा करना है। उन्होंने पंजाब पर बढ़ते कर्ज को लेकर मान के नेतृत्व वाली आप सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “वह विमान और लक्जरी वाहनों में सफ़र करते हैं, परंतु कर्ज पंजाबियों को चुकाना पड़ता है।”
इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन इस बयान से राजनीतिक गतिशीलता में उतार-चढ़ाव आ सकता है। क्या यह समर्थन के रूप में देखा जाएगा या फिर नए चुनावी अवसरों की प्रारंभिक चरण में यह बस एक राजनीतिक खेल होगा, यह अभी तक अनिश्चित है। सिद्धू के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि पंजाब की राजनीति में भी हलचल का माहौल बना हुआ है। इसके अलावा, यह भी दिखाता है कि कांग्रेस के अंदर भी कुछ उलझनें हैं और नेतृत्व में विवाद हो सकता है।