स्पाई कैमरे से स्मार्टफोन तक अमृतपाल सिंह के सेल से निकले कई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट; जेल अधीक्षक गिरफ्तार”
असम के डिब्रूगढ़ जेल में लापरवाही का पर्दाफाश "स्पाई कैमरे से स्मार्टफोन तक अमृतपाल सिंह के सेल से निकले कई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट; जेल अधीक्षक गिरफ्तार"
असम के डिब्रूगढ़ जेल में हाल ही में हुई लापरवाही की घटना ने समाज की सुरक्षा से जुड़े सवालों को फिर से उठाया है। जेल के अधीक्षक पुलिस को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया, जिनकी लापरवाही के चलते जेल में बंद कट्टरपंथी संगठन ‘वारिस पंजाब डे’ के सदस्यों के पास इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स मिले। इन गैजेट्स में स्मार्टफोन, कीपैड फोन, टीवी रिमोट, स्पाई-कैमरा पेन, पेन-ड्राइव, ब्लूटूथ हेडफोन आदि शामिल थे। यह घटना उस समय हुई जब पुलिस ने जेल में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत बंद किए गए कैदियों के सेल में इन गैजेट्स की जांच की।
यह गिरफ्तारी एक तरफ से सुरक्षा परिस्थितियों की लापरवाही को दिखाती है, जबकि दूसरी तरफ यह बताती है कि जेलों में खतरनाक गैजेट्स के प्रवेश की कितनी आसानी से हो सकती है। गैजेट्स के साथ बंदियों के पास स्मार्टफोन के साथ-साथ कई और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होना, जो उन्हें अपनी अपराधिक गतिविधियों को प्रबंधित करने की संभावना देता है जो की बहुत चिंता का विषय है।
डिब्रूगढ़ जेल की इस घटना के पीछे की सचाई खोलते हुए, पुलिस महानिदेशक ने सीसीटीवी कैमरे लगाने का फैसला किया है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है ताकि ऐसी घटनाएं फिर से न हों। इसके अलावा, कानूनी कार्रवाई और सुरक्षा परिस्थितियों में सुधार के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। डिब्रूगढ़ जेल की यह घटना खास तौर पर चिंता का विषय है क्योंकि यह जेल पूर्वोत्तर की सबसे हाई सिक्यूरिटी वाली जेलों में से एक है। इसका निर्माण 1859-60 में हुआ था, लेकिन फिर भी इसमें सुरक्षा की कमी की घटना हुई, इस घटना के साथ ही, पंजाब से कट्टरपंथी संगठन के सदस्यों को असम लाए जाने के बाद जेल में मल्टीलेवल सिक्युरिटी सिस्टम लगाया गया था। इससे सुरक्षा परिस्थितियाँ मजबूत हुईं, लेकिन फिर भी गैजेट्स के प्रवेश की समस्या सुलझाने के लिए अधिक कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।
इस घटना के माध्यम से यह साबित हुआ है कि जेलों में निगरानी की व्यवस्था को और भी मजबूत बनाया जाना चाहिए। इसके लिए सुरक्षा प्रक्रियाओं को समीक्षित किया जाना चाहिए और व्यवस्थाओं में सुधार के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। न केवल गैजेट्स के प्रवेश को रोकने के लिए, बल्कि सभी सुरक्षा परिस्थितियों को मजबूत बनाने के लिए सामाजिक और कानूनी प्रणालियों को भी अधिक सकारात्मक दिशा में ले जाना चाहिए।
अब, सभी नजरें जेल प्रशासन पर हैं कि वे इस घटना को सीख के रूप में लें और आगे जाकर ऐसी चार्जों से बचने के लिए सुरक्षा प्रणालियों में सुधार करें। इससे न केवल जेल के कर्मचारियों की सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि समाज की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।