भारतीय चीजों का बांग्लादेश में बहिष्कार करने की मुहिम पर भड़कीं शेख हसीना दी खुली चुनौती.
बांग्लादेश में राजनीति के दिन-ब-दिन उतार-चढ़ाव: 'इंडिया आउट' कैंपेन पर सियासी घमासानबांग्लादेश की राजनीति में हर दिन नए मोड़ और आंदोलन होते रहते हैं। हाल ही में, बीएनपी और उसके सहयोगी दलों ने 'इंडिया आउट' कैंपेन की शुरुआत की है
बांग्लादेश में राजनीति के दिन-ब-दिन उतार-चढ़ाव: ‘इंडिया आउट’ कैंपेन पर सियासी घमासान बांग्लादेश की राजनीति में हर दिन नए मोड़ और आंदोलन होते रहते हैं। हाल ही में, बीएनपी और उसके सहयोगी दलों ने ‘इंडिया आउट’ कैंपेन की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य बांग्लादेश में भारतीय उत्पादों का बहिष्कार करना है। इसके परिणामस्वरूप, राजनीतिक तनाव बढ़ गया है, जिसमें प्रधानमंत्री शेख हसीना ने विपक्षी नेताओं को तीखा जवाब दिया है।बांग्लादेश के आजादी दिवस के मौके पर शेख हसीना ने ‘इंडिया आउट’ कैंपेन को लेकर नेताओं पर निशाना साधा है।
उन्होंने कहा कि विपक्षी नेताओं को अपने पार्टी कार्यालय के सामने अपनी पत्नियों की भारतीय साड़ियां जलानी चाहिए, ताकि उनकी विरोधी राजनीति का सच सामने आ सके। विपक्षी पार्टी ने ‘इंडिया आउट’ कैंपेन को भारत के खिलाफ उत्पादों का बहिष्कार करने के लिए चलाया है, जोकि शेख हसीना के अनुसार राष्ट्रीय हित में नहीं है। उन्होंने इसे भारत के साथ बांग्लादेश के लोगों के साथ अन्याय माना। पिछले सप्ताह, बीएनपी के सीनियर ज्वॉइंट सेक्रेटरी रुहुल कबीर रिजवी ने भारत को लेकर आलोचना की थी, जिसका प्रतिक्रिया में शेख हसीना ने उन्हें खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि भारत बांग्लादेश के लोगों की अभिवादना नहीं करता, बल्कि सिर्फ अवामी लीग का समर्थन करता है।
शेख हसीना ने विपक्षी नेताओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या वे वास्तव में भारतीय उत्पादों का बहिष्कार कर रहे हैं। उन्होंने इसे प्रमाणित करने के लिए उन्हें अपनी पत्नियों की भारतीय साड़ियों को जलाने की चुनौती दी।इस घमासान में, भारत-बांग्लादेश संबंधों पर भी नजर डालना महत्वपूर्ण है। विपक्षी नेताओं के द्वारा चलाए जा रहे ‘इंडिया आउट’ कैंपेन के समर्थन में भारत के नागरिकों और सरकार ने चिंता जाहिर की है। यह घटना बांग्लादेश में नाटकीय मोड़ लेती है, जिसमें राजनीतिक घमासान बढ़ रहा है। शेख हसीना ने विपक्षी नेताओं की इस चुनौती का मुकाबला किया है और उन्हें उनकी राजनीतिक खामियों का सामना करने के लिए आगे आने की धमकी दी है। इस बीच, बीएनपी नेताओं के समर्थन में भारत की चिंता भी बढ़ रही है। इसके बावजूद, विपक्षी दलों ने भारत के समर्थन के खिलाफ आवाज उठाई है और ‘इंडिया आउट’ कैंपेन को मजबूत किया है।
बांग्लादेश के राजनीतिक घटनाक्रम में इस तनाव का बढ़ता हुआ महत्व है, जो राजनीतिक स्थिरता को खतरे में डाल सकता है। शेख हसीना की चुनौती ने राजनीतिक माहौल में और भी बढ़ेगी। जनवरी 2024 में हुए आम चुनाव में बीएनपी और उसके सहयोगी दलों की हार ने भारतीय सरकार की चिंता को और भी बढ़ा दिया है। इस घमासान में, दोनों देशों के बीच रिश्तों में नई तनाव की संभावना है।
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भारतीय उच्चायोग के अनुसार, भारत हमेशा बांग्लादेश के लोगों के अपेक्षाओं के अनुसार शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक चुनाव का समर्थन करता आ रहा है। उनके अनुसार, बांग्लादेश में चल रहे राजनीतिक तनाव का समाधान संवेदनशीलता और राजनीतिक दलों के मध्य संवाद के माध्यम से होना चाहिए।इस प्रकार, बांग्लादेश की राजनीति में ‘इंडिया आउट’ कैंपेन के चलते तनाव बढ़ रहा है, जिसका सीधा प्रभाव दोनों देशों के संबंधों पर पड़ सकता है। इस समय में, संवेदनशीलता और सहयोग के माध्यम से राजनीतिक माहौल को स्थिर करना महत्वपूर्ण है, ताकि दोनों देशों के बीच संबंध सुधारे जा सकें।