‘ऑपरेशन पैंथर’ से खुला राज.. फिर चलने लगा बुलडोजर, मिश्रा’ के नाम पर मुख्तार अंसारी का चलता था खेल!
उत्तर प्रदेश के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की अवैध और बेनामी संपत्तियों का खुलासा हुआ
मुख्तार अंसारी: उत्तर प्रदेश के माफिया डॉन। उनकी मौत के साथ ही, उनकी अवैध और बेनामी संपत्तियों का खुलासा हुआ, जो कानूनी कार्रवाई के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ बना। इन घटनाओं के परिणामस्वरूप, उनकी संपत्ति की कुर्क की गई और उनके संपर्कों ने भी कानूनी दायरों में आने का सामना किया।
अंसारी के बेनामी संपत्तियों के मामले उत्तर प्रदेश के आयकर विभाग के धड़ाधड़ रगड़ उठाने का कारण बने। आयकर विभाग के मुताबिक, अंसारी ने कई बेनामी संपत्तियाँ खरीदीं थीं। इन संपत्तियों के खुलासे के बाद, उनके गिरफ्तार होने का खतरा बढ़ गया। बेनामी संपत्ति की परिभाषा के अनुसार, ये संपत्तियाँ उन लोगों के नाम पर खरीदी गईं थीं जो वास्तव में संपत्ति के मालिक नहीं थे। अधिकांश मामलों में, इसे काले धन को छुपाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। मुख्तार अंसारी की मृत्यु के साथ, उनके संपत्ति के बारे में और भी कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। उन्होंने अपनी बड़ी और अवैध संपत्ति का विनियमित नहीं किया था और अपने अपराधों की कुंडली में कई आरोप थे।
आयकर विभाग के अनुसार, अंसारी की संपत्ति में से करीब 120 करोड़ रुपये से अधिक की बेनामी संपत्ति पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में, आयकर विभाग ने मुख्तार अंसारी की संपत्ति पर कानूनी कार्रवाई की थी और उसके समर्थक गणेश दत्त मिश्रा के नाम पर बेनामी संपत्ति का खुलासा किया था। जांच से पता चला कि गणेश मिश्रा बेनामीदार थे और संपत्ति वास्तव में अंसारी की थी। इस मामले में, अंसारी की पत्नी अफशा अंसारी को भी आयकर विभाग द्वारा पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन वह पेश नहीं हुई थीं।
अंसारी गैंग के अनेक सदस्यों के साथ, उन्होंने अवैध कारोबार चलाया था, जिसमें ठेकेदारी, खनन, स्क्रैप, शराब, कोयला कारोबार, रेलवे का ठेका और मछली का अवैध कारोबार शामिल था। इसके अलावा, उनके संपर्क भी अपराधिक कार्यों में संलिप्त थे, जिससे उनकी संपत्ति का बेनामीकरण होता रहा। अंसारी के अवैध कारोबार का खुलासा होने के बाद, आयकर विभाग ने ‘ऑपरेशन पैंथर’ नामक अभियान की शुरुआत की। इस अभियान के तहत, अवैध संपत्तियों की पहचान की जा रही है और कानूनी कार्रवाई की जा रही है। पिछले साल सितंबर में लखनऊ के डालीबाग में, आयकर विभाग ने मुख्तार अंसारी की बेनामी संपत्ति को जब्त किया। इस घटना में, एक रिहायशी भूखंड को खरीदने का दावा अंसारी की पत्नी अफशा अंसारी के नाम पर किया गया था, लेकिन यह संपत्ति वास्तव में उनकी थी। इसके अलावा, गाजीपुर में भी अंसारी की संपत्ति पर कानूनी कार्रवाई की गई और उसे बेनामी संपत्तियों के माध्यम से अवैध धन का रूप दिया गया।
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इसी तरह, अंसारी के संपर्कों और सहयोगियों के नाम पर भी कई अवैध संपत्तियों का खुलासा हुआ। उनकी अवैध कारोबारों में शामिल होने के कारण, उनके संपर्कों और सहयोगियों के साथ भी कानूनी कार्रवाई की जा रही है।अंसारी की मौत के साथ, उत्तर प्रदेश की राजनीतिक और कानूनी समीक्षा का एक नया दौर शुरू हो गया है। उनकी अपराधिक गतिविधियों और अवैध संपत्तियों का खुलासा साबित हो गया है।