पीलीभीत में जितिन प्रसाद के समर्थन में आज रैली, क्या पीएम मोदी के मंच पर नजर आएंगे वरुण गांधी?
पीलीभीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आज एक महत्वपूर्ण रैली है। यह रैली चुनावी माहौल में अहम घटना है, क्योंकि इसमें बीजेपी ने पीलीभीत से वरुण गांधी का टिकट कटकर जितिन प्रसाद को मैदान में उतारा है।
पीलीभीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आज एक महत्वपूर्ण रैली है। यह रैली चुनावी माहौल में अहम घटना है, क्योंकि इसमें बीजेपी ने पीलीभीत से वरुण गांधी का टिकट कटकर जितिन प्रसाद को मैदान में उतारा है। इस घटना से सियासी गलियारों में कई सवाल और चर्चाएं उठी हैं। पीलीभीत में चुनावी प्रचार की धूमधाम से पहले, वरुण गांधी की रैली में क्या रहेगा, यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है।पिछले चुनाव में वरुण गांधी ने पीलीभीत सीट से सांसद के रूप में जीत हासिल की थीं।
इस बार उनका टिकट कटने के बाद, बीजेपी ने उम्मीदवार के रूप में जितिन प्रसाद को चुना है। इससे विवाद और उत्तेजना बढ़ी है। लेकिन रैली के मंच पर वरुण गांधी की उपस्थिति एक बड़ा सवाल है।वरुण गांधी की चुप्पी और सोशल मीडिया पर उनकी निगाहें प्रशंसकों को असमंजस में डाल रही हैं। उन्होंने अपने ट्विटर और इंस्टाग्राम हैंडल्स पर कोई पोस्ट नहीं की है। इसके बावजूद, उनके समर्थक उनके अगले कदम के बारे में उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं।इसी बीच, बीजेपी द्वारा मेनका गांधी को मंच पर लाने का भी विचार है। यह भी संकेत कर सकता है कि पार्टी वरुण गांधी के टिकट कटने के बाद हो रहे विवाद को कंट्रोल करने की कोशिश कर रही है।
ये खबर भी पढ़ें: Nitish Kumar: नौकरी को लेकर फिर नीतीश कुमार के दो टूक जवाब। रोहिणी आचार्य और मीसा भारती की उम्मीदवारी पर क्या बोले नीतीश.
पीलीभीत सीट इतिहास में महत्वपूर्ण है। पिछले चुनावों में यहां से जीत हासिल करने वाले उम्मीदवार बड़े चुनावी अदालत में अहम रोल निभाते हैं। इस बार का चुनाव भी बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दिखाएगा कि पीलीभीत के लोग किसे चुनते हैं – वरुण गांधी को फिर से या उम्मीदवार जितिन प्रसाद को।पीलीभीत सीट पर मतदान की तारीख 19 अप्रैल है। यहां के लोग अपने मतदान करके अपने नेता का चयन करेंगे।
ये खबर भी पढ़ें: वरुण गांधी ने उजागर किया पीलीभीत से टिकट कटने का ‘राज’ ढाई साल पुरानी चिट्ठी से ऐसे जुड़ रहा नाता.
पिछले चुनाव में वरुण गांधी को मिले वोटों की संख्या और उनके प्रतिद्वंद्वी के मिले वोटों की संख्या इस बार के चुनाव के नतीजों को प्रभावित कर सकती है।पीलीभीत सीट की इतिहास में गांधी परिवार का महत्वपूर्ण स्थान है। पिछले चुनावों में यहां से गांधी परिवार के उम्मीदवारों ने विजय प्राप्त की है। इस बार जब परिवार का कोई उम्मीदवार नहीं है, तो चुनाव में नतीजों पर काफी ध्यान दिया जा रहा है।अंत में, पीलीभीत सीट के चुनाव में जीत पाने वाले उम्मीदवार की ताक़त और लोगों के विश्वास पर निर्भर करेगा कि वहां कौन जीतता है।
ये भी देखें: