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आप को फिर एक और झटका, विजिलेंस डिपार्टमेंट द्वारा PA बिभव कुमार को टर्मिनेट किया गया.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नजरिये में एक और बड़ा झटका आया है। उनके निजी सचिव (पीए) बिभव कुमार को टर्मिनेट कर दिया गया है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक और बड़ा झटका देखने को मिला हैं । उनके निजी सचिव (पीए) बिभव कुमार को टर्मिनेट कर दिया गया है। इसमें विजिलेंस डिपार्टमेंट की भूमिका बहुमहत्वपूर्ण है, क्योंकि बिभव को शराब घोटाले के मामले में ED की जाँच के बाद टर्मिनेट किया गया है। इसके पीछे विजिलेंस डिपार्टमेंट द्वारा उचित प्रक्रियाओं के अनुपालन में दोष बताया गया है।

बिभव कुमार को नियुक्ति के समय की अनुमति के नियमों का उल्लंघन किया गया है। बिभव कुमार पर लगातार संज्ञान में आए शिकायतों के संदर्भ में विजिलेंस डिपार्टमेंट ने एक FIR दर्ज की है। उनके खिलाफ बर्खास्तगी के कारणों में सरकारी काम में बाधा डालने और शिकायतकर्ता को गाली/धमकी देने का आरोप शामिल है। यह संदेहजनक आरोप बिभव कुमार के खिलाफ एक अन्य विवाद को और ज्यादा गंभीर बनाते हैं। इसके साथ ही, अरविंद केजरीवाल को भी नए संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है।

सुप्रीम कोर्ट में उनकी गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई 15 अप्रैल को हो सकती है। इसके अलावा, केजरीवाल के सरकारी मंत्री राजकुमार आनंद ने भ्रष्टाचार के मामले में आत्मसमर्पण करते हुए इस्तीफा दे दिया है। राजकुमार आनंद ने इस्तीफा देते समय कहा, “मैं राजनीति में आया था जब केजरीवाल ने कहा था कि राजनीति बदलेगी तो देश बदलेगा। आज मुझे अफसोस है कि राजनीति बदली नहीं, लेकिन राजनेता बदल गए हैं। मैं पार्टी, सरकार, और मंत्री पद से इस्तीफा दे रहा हूँ। मैं भ्रष्टाचार में नाम नहीं जुड़ाना चाहता। मैं नहीं समझता कि हमारे पास शासन करने की नैतिक ताकत बची है।”इसके साथ ही, एक और महत्वपूर्ण विषय है नई शराब नीति का। मनीष सिसोदिया ने 22 मार्च 2021 को इस नई नीति का ऐलान किया था।

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इसके बाद, 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति, यानी एक्साइज पॉलिसी 2021-22 लागू कर दी गई। इस नीति के बाद सरकार ने शराब के कारोबार से अपना हाथ वापस ले लिया था।हालांकि, नई नीति ने विवादों को भी साथ लिया। जब इस पर बहुत सारे विवाद उठे, तो सरकार ने 28 जुलाई 2022 को नई शराब नीति को रद्द कर दिया और पुरानी पॉलिसी को फिर से लागू कर दिया। इस तरह, अरविंद केजरीवाल की सरकार को एक से बढ़कर देखने को मिल रही हैं। इसके साथ ही, राजकुमार आनंद जैसे अन्य मंत्रियों का इस्तीफा देना उनके नेतृत्व में आए गंभीर संकट को दर्शाता है। यह सभी घटनाओं से दिल्ली की राजनीति में नए संघर्ष की ओर इशारा है।

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