हमारे पास हैं कुछ ऐसे फैक्ट्स, जो कोर्ट को हिला कर रख देगा’, अभिषेक मनु सिंघवी की दलील पर SC का सीधा और सपाट जवाब
सुप्रीम कोर्ट में हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चल रहे निरस्त आबकारी मामले में वाद-विवाद की घटना हुई। इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने मुख्यमंत्री के पक्ष में दलील पेश की।
सुप्रीम कोर्ट में हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चल रहे निरस्त आबकारी मामले में वाद-विवाद की घटना हुई। इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने मुख्यमंत्री के पक्ष में दलील पेश की। 21 मार्च को, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने लंबी पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया था। केजरीवाल अब तिहाड़ जेल में बंद हैं, लेकिन उनकी टीम ने सुप्रीम कोर्ट में ED की गिरफ्तारी के कदम की वैधता पर सवाल उठाया।
शीर्ष अदालत में अभिषेक मनु सिंघवी ने अपनी दलील में कहा कि उनके पास ऐसे तथ्य हैं, जो कोर्ट की अंतरात्मा को हिला सकते हैं। इस मामले में सितंबर 2022 का एफआईआर और इनफोर्समेंट केस दर्ज है, जिसमें अभी तक 8 चार्जशीट दाखिल और 15 बयान दर्ज किए गए हैं। केजरीवाल का नाम इन दस्तावेजों में शामिल नहीं है, इसलिए सिंघवी ने इससे जुड़े सेलेक्टिव लीक्स का मामला भी उठाया।
सुप्रीम कोर्ट की पीठ में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दिपांकर दत्ता ने इस मामले की सुनवाई की थी। सिंघवी ने अपनी दलीलों को समर्थन में रखा, लेकिन जस्टिस खन्ना ने कहा कि आप अपनी दलीलों को अगली सुनवाई के लिए सुरक्षित रखें। मामले की सुनवाई को 29 अप्रैल तक के लिए टाल दी गयी है।
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केजरीवाल को तिहाड़ जेल में बंद होते हुए राउज एवेन्यू कोर्ट ने भी राहत नहीं दी। स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने उनकी न्यायिक हिरासत को 23 अप्रैल तक के लिए और बढ़ा दिया है। जिसके बाद केजरीवाल को 23 अप्रैल को वीडियोकॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है। इस प्रकार, केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट और राउज एवेन्यू कोर्ट दोनों जगह से राहत नहीं मिल सकी है, जबकि मामले की अगली सुनवाई 29 अप्रैल को होगी।