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रामनवमी पर हिंसा को लेकर BJP की राज्यपाल को चिट्ठी,बंगाल की स्थिति बेहद खराब, तुरंत कुछ किया जाए’

पश्चिम बंगाल में हाल ही में हुए रामनवमी जुलूस पर हिंसा की घटना ने राजनीतिक दलों के बीच चर्चा को उजागर किया है। इस हादसे के बाद भाजपा ने टृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और प्रमुख मुमता बनर्जी पर निशाना साधते हुए अपनी चिंता जताई है।

पश्चिम बंगाल में हाल ही में हुए रामनवमी जुलूस पर हिंसा की घटना ने राजनीतिक दलों के बीच चर्चा को उजागर किया है। इस हादसे के बाद भाजपा ने टृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और प्रमुख ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए अपनी चिंता जताई है। बंगाल विधानसभा के विपक्षी नेता सुवेंदु अधिकारी ने राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस को इस घटना की जांच के लिए पत्र लिखकर मांग की है।

सुवेंदु अधिकारी ने कहा, “मैंने राज्य के दो हिस्सों में हुई हिंसा की घटनाओं के बारे में शिकायत की है।” उन्होंने इस मामले में राज्यपाल से तुरंत कार्रवाई करने की भी अपील की। वे चाहते हैं कि बिगड़ती कानून व्यवस्था को नियंत्रित किया जाए और घटनाओं की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी से कराई जाए। भाजपा नेता ने दावा किया कि रामनवमी जुलूस के दौरान भंडाफोड़ और बम फेंके गए। मुर्शिदाबाद के बेलडांगा इलाके में भी हिंसा की घटना हुई, जिसमें कुछ लोग घायल हो गए। पूर्वी मिदनापुर जिले के एगरा में भी इसी तरह की घटना घटी, जिसमें पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें एगरा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।

भाजपा नेता ने दावा किया कि रामनवमी जुलूस के दौरान भंडाफोड़ और बम फेंके गए। मुर्शिदाबाद के बेलडांगा इलाके में भी हिंसा की घटना हुई, जिसमें कुछ लोग घायल हो गए।

पत्र में पुलिस पर भी आरोप लगाया गया है कि वहां के कर्मियों ने हिंसा के समय निष्क्रिय रहे और हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। यहां तक कि अब तक ना ही मुर्शिदाबाद और पूर्वी मिदनापुर के जिला प्रशासन और ना ही टृणमूल कांग्रेस की ओर से कोई प्रतिक्रिया आई है। इस पूरे मामले में हिंसा की घटनाओं को लेकर राजनीतिक दलों के बीच कड़ी टक्कर है। भाजपा ने इसे एक बड़ी चुनावी मुद्दा बनाया है और ममता बनर्जी पर हमला किया है। वहीं, टृणमूल कांग्रेस और राज्य सरकार इस मामले को नकारते हुए इसे एक भाजपा की षड्यंत्र होने का दावा कर रहे हैं। ऐसे में राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस अब जल्द से जल्द इस मामले की जांच करने के लिए कदम उठाने वाले हैं। वहीं, भाजपा के दावे पर अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी की तरफ से भी ध्यान दिए जा रहे हैं।

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आखिरकार, इस पूरे मामले से बंगाल की राजनीति में नई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं और यह दिखाता है कि आगामी चुनावों में यह मामला भारी रूप में राजनीतिक मुद्दा बनने वाला है। राज्यपाल और राष्ट्रीय जांच एजेंसी के इस मामले की गंभीरता से जांच होगी तो ही इस मामले का समाधान संभव है।

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