जब अमेठी से हार सकते हैं तो वायनाड से क्यों नहीं जानिए क्या कहा राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ रहीं एनी राजा ने.
वायनाड, केरल में चुनावी मैदान में एनी राजा, लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) के उम्मीदवार के रूप में उभरी हैं। एनी राजा, भाकपा महासचिव डी राजा की पत्नी और पार्टी की वरिष्ठ नेता, राहुल गांधी के खिलाफ इस चुनाव में उतरी हैं। इस चुनावी तकरार को देखते हुए एनी राजा ने वामपंथी पार्टियों को कमजोर करने की साजिश का आरोप लगाया है।
वायनाड, केरल में चुनावी मैदान में एनी राजा, लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) के उम्मीदवार के रूप में उभरी हैं। एनी राजा, भाकपा महासचिव डी राजा की पत्नी और पार्टी की वरिष्ठ नेता, राहुल गांधी के खिलाफ इस चुनाव में उतरी हैं। इस चुनावी तकरार को देखते हुए एनी राजा ने वामपंथी पार्टियों को कमजोर करने की साजिश का आरोप लगाया है। चुनाव प्रचार में दिनभर जुटी एनी राजा ने स्पष्ट किया है कि वे चुनाव के बाद भी मोदी सरकार की तानाशाही और फासीवादी नीतियों के खिलाफ संसद में राहुल गांधी और कांग्रेस के साथ खड़े रहेंगी।
भाकपा की पक्ष से उम्मीदवार के रूप में उतरने के 15 दिन बाद ही राहुल गांधी ने भी अपने उम्मीदवार का ऐलान किया। और पिछले चुनाव में राहुल गांधी ने वायनाड से चार लाख से ज़्यादा वोटों से जीत हासिल की थी। केरल में वामपंथी दलों के साथ इतनी तेजी से आपसी विरोध क्यों है? इसका उत्तर है कि राहुल गांधी ने केरल में वामपंथी दलों के खिलाफ लड़ने का फैसला किया है। जनता के बीच राहुल गांधी के मुद्दे क्या हैं? एनी राजा कहती हैं कि राहुल गांधी ने पिछले पांच सालों में वायनाड की जनता के लिए कुछ नहीं किया है। उन्हें वन्य पशुओं की समस्या, सीएए की चिंता और मुस्लिम आबादी के सम्बंध में चिंता है।
ये खबर भी पढ़ें: बिहार में सियासी हलचल तेज़, तेजस्वी यादव के बारे में NDA के नेता ने क्यों कह दिया ऐसा?
चुनाव के बाद भाकपा और कांग्रेस के बीच सहयोग का कोई संभावना है? उत्तर में, भाकपा का मिशन फासीवाद के खिलाफ लोकतांत्रिक और पंथनिरपेक्ष ताकतों को एकजुट करना है। तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक में भाकपा और कांग्रेस आईएनडीआईए के तहत मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। इन राज्यों में दोनों पार्टियों के बीच अच्छे संबंध हैं।