संदेशखाली मामले में TMC पहुंची चुनाव आयोग, कहा- CBI के एक्शन का इलेक्शन पर पड़ सकता है असर
पश्चिम बंगाल के चुनावी महौल में हो रही है संदेशखाली के मामले पर तीव्र सियासी उत्तेजना। टीएमसी ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखकर सीबीआई के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है, जिसमें संदेशखाली में छापेमारी के आरोप हैं।
पश्चिम बंगाल के चुनावी महौल में हो रही है संदेशखाली के मामले पर तीव्र सियासी उत्तेजना। टीएमसी ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखकर सीबीआई के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है, जिसमें संदेशखाली में छापेमारी के आरोप हैं। इसके साथ ही, सीबीआई ने हाल ही में इस क्षेत्र में एक बड़े छापे का आयोजन किया है, जिसमें बड़ी संख्या में हथियार और विदेशी आयातित बम मिले हैं।
टीएमसी की तरफ से चुनावी आयोग के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को लिखे गए पत्र में उन्होंने सीबीआई के खिलाफ शिकायत की है, जिसमें उन्होंने संदेशखाली में छापेमारी के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि यह छापेमारी चुनाव के दिन किए गए हैं, जिससे चुनाव के माहौल पर असर पड़ सकता है। वहीं, सीबीआई का दावा है कि छापामारी के दौरान विदेशी हथियार मिले हैं, जो कि एक चिंता का विषय है।
छापामारी के दौरान संदेशखाली में बहुत सारे हथियार और विदेशी आयातित बम मिले हैं। यह संदेशखाली के स्थानीय नेता शेख शाहजहां के करीबी के घर से हुई है। इस छापामारी में सीबीआई के द्वारा 348 राउंड गोलियां, चार अत्याधुनिक विदेशी आग्नेयास्त्र, तीन देशी बंदूकें, बम बनाने के मसाले समेत कई बम बरामद किए गए हैं। इसके बाद एनएसजी के कमांडो द्वारा भी तलाशी कार्रवाई की गई, जिसमें वे इजरायली रोबोट की मदद से अधिक अवशेषों की तलाशी की।
छापामारी के दौरान सीबीआई के बम निरोधक और खोजी दस्ते ने विस्फोटकों को सुरक्षित तरीके से एकत्रित करने के बाद उन्हें निष्क्रिय कर दिया। इस कार्रवाई में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) और सीआरपीएफ के जवानों ने भी भाग लिया। यह घटना संदेशखाली के राजनीतिक दलों के बीच तनाव का कारण बन गई है। टीएमसी के द्वारा चुनावी आयोग को शिकायत करके सीबीआई के खिलाफ कदम उठाने से लेकर, सीबीआई के द्वारा संदेशखाली में छापेमारी की गई है, जो कि इस क्षेत्र में नए राजनीतिक घमासान को दर्शाती है।
सीबीआई द्वारा संदेशखाली में छापेमारी की यह कार्रवाई बेहद गंभीर है और इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। साथ ही, टीएमसी द्वारा चुनावी आयोग को शिकायत करने का भी मामला है, जिसमें सीबीआई के खिलाफ कदम उठाने का आरोप है। यह सभी तंत्रों के बावजूद, संदेशखाली में हुई इस घटना की गहरी जांच की जानी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके और दोनों पक्षों के बीच विवाद को समाधान किया जा सके।
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इस घटना ने संदेशखाली के माहौल में तनाव और उत्तेजना को बढ़ा दिया है, और इसे नियंत्रित करने के लिए जल्दी से कदम उठाने की जरूरत है। साथ ही, सुरक्षा एजेंसियों को भी इस मामले में अत्यधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है ताकि किसी भी आपात स्थिति को समय रहते पहचाना और नियंत्रित किया जा सके।
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