यूपी प्रदेश अध्यक्ष को ही बदल डाला, तीसरे चरण की वोटिंग से ठीक पहले अखिलेश ने सपा में किया बड़ा बदलाव.
यूपी के तीसरे चरण के लोकसभा चुनाव के उत्साह और उत्साह में, समाजवादी पार्टी ने एक बड़ा बदलाव किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव अखिलेश यादव की चुनावी रणनीति के तहत किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य यूपी में पार्टी की निर्माणात्मक क्षमता को मजबूत करना है
यूपी के तीसरे चरण के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने एक बड़ा बदलाव किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव अखिलेश यादव की चुनावी रणनीति के तहत किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य यूपी में पार्टी की निर्माणात्मक क्षमता को मजबूत करना है। निर्वाचन से पहले ही अखिलेश यादव ने प्रदेश में बड़े परिवर्तन की घोषणा की है, जिसमें समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के पद के लिए नरेश उत्तम पटेल की जगह श्याम लाल पाल को नामित किया गया है। श्याम लाल पाल पहले से ही समाजवादी पार्टी के प्रदेश महासचिव रह चुके हैं, और उन्हें इस उच्च पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
नरेश उत्तम पटेल को भी प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल किया गया था, और पिछले साल सपा ने उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष का पद सौंपा था। इस बारे में कहा जा रहा है कि उनका फोकस पूरी तरह से चुनाव अभियान पर है, जिसको देखते हुए अखिलेश ने उनसे जिम्मेदारी लेकर श्याम लाल पाल को प्रदेश अध्यक्ष का पद सौंपा है। यूपी में 7 मई को 10 सीटों पर वोटिंग होगी, जिसमें संभल, हाथरस, आगरा, फतेहपुर सीकरी, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं, आंवला, और बरेली शामिल हैं। इस चरण में 100 उम्मीदवारों के भाग्य का निर्णय 1.88 करोड़ मतदाताओं के द्वारा किया जाएगा।
इस चुनाव में कई महत्वपूर्ण नेताओं की भूमिका है, जैसे केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल, यूपी के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह, राजस्व राज्य मंत्री अनूप प्रधान बाल्मीकि, और मुलायम सिंह यादव के परिवार के कई सदस्य। इस चरण में मुख्य रूप से मैनपुरी से अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव, फिरोजाबाद से सपा के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यातदव, और बदायूं से आदित्य यादव अपनी पार्टी के लिए मैदान में हैं। अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने पहले भी लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार के रूप में उतरा है और इस बार भी वह चुनावी ताल ठोक रही हैं।
फिरोजाबाद से सपा के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यातदव ने भी पिछले चुनाव में जीत हासिल की थी, और इस बार भी वे लोकसभा की सीट के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। उनका बड़ा अनुभव और प्रभावशाली परिवारिक परिचय उन्हें इस चुनाव में महत्वपूर्ण बनाता है। बदायूं लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरे आदित्य यादव ने पहले भी चुनाव में प्रतिस्पर्धा की है और इस बार भी वह अपनी पार्टी के लिए जीत की चुनौती दे रहे हैं। उनका परिचय और प्रतिस्पर्धी जीवन उन्हें चुनावी मैदान में मजबूती देता है।
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एटा लोकसभा सीट से भाजपा के दिग्गज नेता कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह भी चुनावी मैदान में हैं, उनका परिचय और अनुभव उन्हें चुनावी रणनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका देता है। यूपी में तीसरे चरण के चुनावी उत्साह का माहौल है, और नागरिकों की उम्मीद है कि वे अपने मतदान करके राजनीतिक प्रक्रिया में भागीदारी करेंगे।