India-Iran News: ‘भारत और ईरान के बीच चाबहार समझौते पर तिलमिलाया अमेरिका, कहा जो देश ईरान के साथ व्यापार करेगा प्रतिबंध के लिए तैयार रहे।
भारत ने हाल ही में चाबहार पोर्ट के प्रबंधन के लिए दस वर्षों का ठेका हासिल किया है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो भारत के और ईरान के बीच सशक्त और गहरे व्यापारिक संबंधों को और भी मजबूत करेगा।
भारत ने हाल ही में चाबहार पोर्ट के प्रबंधन के लिए दस वर्षों का ठेका हासिल किया है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो भारत के और ईरान के बीच सशक्त और गहरे व्यापारिक संबंधों को और भी मजबूत करेगा। चाबहार पोर्ट एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है जो भारत के लिए गुजरात के मुंबई और दक्षिण भारत के चेन्नई जैसे मुख्य बंदरगाहों के साथ संचार को और भी मजबूत बनाएगा। इस ठेके को हासिल करने के पीछे अमेरिका की चिंता का सबसे बड़ा कारण है ईरान के साथ व्यापार करने वाले देशों को संभावित सैंक्शन का सामना करना पड़ सकता है। अमेरिका के तर्क के मुताबिक, ईरान के साथ किये जाने वाले व्यापारिक समझौते से अमेरिकी प्रतिबंध के खतरे का सामना करना पड़ सकता है। यह भारत के लिए एक बड़ी चुनौती है, लेकिन भारत की बारीक विदेश नीति और उसके स्वाधीनता के प्रति इसमें कोई संकोच नहीं है।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता वेदांत पटेल ने इस समय पर भारत-ईरान समझौते के बारे में अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि ईरान के साथ व्यापार करने वाले देशों को संभावित सैंक्शन के लिए तैयार रहना चाहिए। हालांकि, उन्होंने भी यह स्पष्ट किया कि भारत को अपनी विदेश नीति के मामले में अपनी बात रखने का पूरा हक है। चाबहार पोर्ट का अमेरिकी संदेश भारत की ओर से स्वागत किया गया है। यह एक महत्वपूर्ण स्थान है विशेष रूप से चीन के बढ़ते प्रभुत्व को देखते हुए । इससे पहले किसी भारतीय कंपनी को एक विदेशी बंदरगाह का प्रबंधन करने का मौका नहीं मिला था, जो इसे भारतीय व्यापारिक समुदाय के लिए एक विशेष अवसर बना सकता है।
चाबहार पोर्ट का अधिग्रहण भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, खासकर भारतीय व्यापारिक समुदाय के लिए। यह पोर्ट भारत के और दक्षिणी एशिया के बीच व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण ब्रिज का काम करेगा, जिससे भारतीय व्यवसायिकों को नए विपणन और निर्यात के अवसर प्राप्त होंगे। इस ठेके के माध्यम से, भारत और ईरान के बीच सशक्त संबंधों को मजबूत किया जा सकता है, जो दोनों देशों के लिए लाभकारी होगा। यह स्थायी और स्थिर व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देगा और दोनों देशों के लिए साझा सौर्य सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, और अन्य क्षेत्रों में भी साझा समर्थन प्रदान कर सकता है।
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भारतीय शिपिंग और पोर्ट मंत्री सर्बानंद सोनोवाल के ईरान यात्रा का संदेश भारत के लिए एक और उदाहरण है कि देश किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है। इस यात्रा के माध्यम से, भारत ने अपने समर्थन और साझा इरादे को पुष्टि की है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक और राजनीतिक संबंधों को मजबूत किया जा सकता है। चाबहार पोर्ट के अधिग्रहण से भारत को अपनी गुर्ति बनाने का एक अवसर मिला है। यह न केवल भारत के लिए एक व्यापारिक और रणनीतिक जीत है, बल्कि दक्षिणी एशिया के विकास के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे भारत की गणराज्यता और उसकी आर्थिक शक्ति में वृद्धि होगी, जो देश को आगे बढ़ाने में मदद करेगी।