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क्यों नहीं दिया वोट? BJP के नोटिस पर जयंत सिन्हा का जवाब कहा जरूरी काम से विदेश में हूं, मैंने पोस्टल बैलेट से मतदान किया है.

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने जयंत सिन्हा को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे दो दिन के भीतर जवाब मांगा था। जयंत सिन्हा ने इस नोटिस का जवाब देते हुए बताया कि उन्होंने विदेश जाने से पहले पोस्टल बैलट के माध्यम से मतदान किया था।

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने जयंत सिन्हा को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे दो दिन के भीतर जवाब मांगा था। जयंत सिन्हा ने इस नोटिस का जवाब देते हुए बताया कि उन्होंने विदेश जाने से पहले पोस्टल बैलट के माध्यम से मतदान किया था। झारखंड की हजारीबाग सीट से निवर्तमान सांसद जयंत सिन्हा को बीजेपी ने यह नोटिस इसलिए जारी किया था क्योंकि मनीष जायसवाल को हजारीबाग से उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद से वह न तो चुनाव प्रचार में सक्रिय थे और न ही संगठन के कामों में रुचि ले रहे थे। पार्टी का यह भी आरोप था कि जयंत सिन्हा ने अपने मताधिकार का भी उपयोग नहीं किया। बीजेपी ने जयंत सिन्हा को दो दिन के भीतर नोटिस का जवाब देने को कहा था। पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने इस नोटिस का जवाब राज्यसभा सांसद और झारखंड बीजेपी के महामंत्री आदित्य साहू को संबोधित दो पन्नों के पत्र के माध्यम से दिया है। अपने जवाब में जयंत सिन्हा ने नोटिस मिलने और इसे मीडिया में जारी किए जाने पर हैरानी जताई। उन्होंने 2 मार्च को जेपी नड्डा के साथ हुई बातचीत का जिक्र करते हुए बताया कि लोकसभा चुनाव से पहले ही उन्होंने सक्रिय चुनावी दायित्वों से दूर रहने का निर्णय ले लिया था ताकि वे जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर सकें। जयंत सिन्हा ने कहा कि उन्होंने अपने इस निर्णय की सार्वजनिक घोषणा भी एक ट्वीट के माध्यम से कर दी थी।

जयंत सिन्हा ने जेपी नड्डा से बातचीत के बाद किए गए ट्वीट का जिक्र करते हुए कहा कि इस घोषणा के बाद कई लोग उनसे मिलने दिल्ली आए और उनसे आग्रह किया कि वे अपने निर्णय पर पुनर्विचार करें और इसे वापस लें। जयंत ने बताया कि यह एक कठिन समय था जिसमें जनभावनाएं उफान पर थीं, लेकिन उन्होंने राजनीतिक मर्यादा और संयम बनाए रखा। उन्होंने मनीष जायसवाल को हजारीबाग से उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद 8 मार्च को उन्हें बधाई देने का उल्लेख किया और इसे पार्टी के निर्णय के प्रति उनके समर्थन का सूचक बताया। जयंत सिन्हा ने अपने जवाब में आगे कहा कि अगर पार्टी चाहती थी कि वे चुनावी गतिविधियों में भाग लें तो उनसे संपर्क किया जा सकता था। 2 मार्च 2024 को उनकी घोषणा के बाद झारखंड के किसी भी वरिष्ठ पार्टी पदाधिकारी, सांसद या विधायक ने उनसे संपर्क नहीं किया। उन्होंने कहा कि पार्टी के किसी भी कार्यक्रम, रैली या संगठन की बैठक के लिए उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया। जयंत ने कहा कि अगर बाबूलाल मरांडी उन्हें कार्यक्रमों में शामिल करना चाहते थे तो वे आमंत्रित कर सकते थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

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जयंत सिन्हा ने यह भी बताया कि मनीष जायसवाल ने 29 अप्रैल की शाम को उन्हें अपने नामांकन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन तब वे दिल्ली में थे। देर से सूचना मिलने के कारण उनके लिए 1 मई की सुबह तक हजारीबाग पहुंचना संभव नहीं था। उन्होंने बताया कि 2 मई को हजारीबाग पहुंचकर वे सीधे मनीष जायसवाल के आवास पर गए, लेकिन वे वहां नहीं मिले। जयंत ने अपना संदेश और शुभकामनाएं उनके परिवार को दीं और इसके बाद मनीष से उनका कोई संपर्क नहीं हुआ। 3 मई को जयंत हजारीबाग से दिल्ली लौट आए। जयंत ने आगे बताया कि उन्होंने लोकसभा स्पीकर को सूचित कर निजी प्रतिबद्धताओं के लिए 10 मई को विदेश यात्रा की। पार्टी उन्हें किसी भी कार्यक्रम में नहीं बुला रही थी, जिसके बाद उन्हें वहां रुकने की खास जरूरत महसूस नहीं हुई। वोट नहीं देने के आरोप पर जयंत ने स्पष्ट किया कि विदेश जाने से पहले उन्होंने पोस्टल बैलट के माध्यम से वोट कर दिया था, इसलिए यह आरोप गलत है कि उन्होंने मतदान के कर्तव्य का पालन नहीं किया।

जयंत सिन्हा ने पार्टी के साथ 25 साल के सफर और अपनी उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने हर जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा के साथ निभाया है। उन्होंने कहा कि इन सब को देखते हुए पार्टी का यह पत्र सार्वजनिक रूप से जारी करना अनुचित है। जयंत ने इसे समर्पित कार्यकर्ताओं को निराश और पार्टी के सामूहिक प्रयासों को कमजोर करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि पार्टी के प्रति निष्ठा और कठिन परिश्रम के बावजूद उन्हें अन्यायपूर्ण तरीके से निशाना बनाया जा रहा है। चुनाव के दौरान पार्टी पदाधिकारी होने के नाते आप मुझसे कभी भी संपर्क कर सकते थे, लेकिन चुनाव संपन्न होने के बाद इस तरह का पत्र भेजना उनके लिए समझ से परे है। जयंत सिन्हा ने अपने जवाब में स्पष्ट किया कि उन्होंने हमेशा पार्टी के निर्णयों का सम्मान किया है और चुनाव प्रचार में उनकी अनुपस्थिति का कारण भी पार्टी को पहले ही सूचित कर दिया था। जयंत ने अपने जवाब में कहा कि वे जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर काम करने के लिए चुनावी दायित्वों से दूर हुए थे और यह निर्णय उन्होंने सार्वजनिक रूप से घोषित किया था। उनके अनुसार, पार्टी के किसी भी वरिष्ठ नेता ने इस दौरान उनसे संपर्क नहीं किया, जिससे उनके निर्णय को लेकर किसी प्रकार की असमंजस की स्थिति नहीं थी। जयंत ने जोर देकर कहा कि वे मनीष जायसवाल को उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद भी पार्टी के साथ खड़े थे और उनकी जीत की कामना की थी।

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उन्होंने यह भी कहा कि उनके विदेश जाने से पहले उन्होंने पोस्टल बैलट के माध्यम से वोट किया था, इसलिए उनके मतदान न करने का आरोप गलत है। जयंत ने पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा और सेवा का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा पार्टी के लिए समर्पित भाव से काम किया है और पार्टी के सामूहिक प्रयासों को मजबूत करने का प्रयास किया है। जयंत ने पार्टी द्वारा उन्हें इस तरह निशाना बनाए जाने को अन्यायपूर्ण और निराशाजनक बताया।

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