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स्वाति मालीवाल केस: बिभव कुमार को कोर्ट से कोई राहत नहीं, पेशी के बाद भेजे गए जेल

स्वाति मालीवाल ने बिभव कुमार पर उनके साथ मारपीट करने का आरोप लगाया है। इस मामले में अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव कुमार को गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले कोर्ट ने बिभव को 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा था। अब कोर्ट ने उन्हें 4 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। यानी बिभव अब 28 मई तक जेल में रहेंगे।

स्वाति मालीवाल ने बिभव कुमार पर उनके साथ मारपीट करने का आरोप लगाया है। इस मामले में अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव कुमार को गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले कोर्ट ने बिभव को 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा था। अब कोर्ट ने उन्हें 4 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। यानी बिभव अब 28 मई तक जेल में रहेंगे। स्वाति मालीवाल का आरोप है कि 13 मई को जब वह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलने उनके घर गईं, तब बिभव कुमार ने उनके साथ मारपीट की। स्वाति मालीवाल के अनुसार, बिभव ने उन्हें 7-8 थप्पड़ मारे और नीचे घसीटा। इसके बाद बिभव ने उन्हें लात भी मारी और धमकी भी दी। इस घटना के बाद स्वाति मालीवाल ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने बिभव को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें कोर्ट में पेश किया।

कोर्ट ने पहले बिभव को 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा था। हिरासत की अवधि खत्म होने पर बिभव को फिर से कोर्ट में पेश किया गया जहां से उन्हें 4 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इस दौरान पुलिस ने अपराध स्थल का पुनः निर्माण करने के लिए बिभव को दोबारा मुख्यमंत्री आवास ले गई। इससे पहले स्वाति मालीवाल को भी ले जाकर घटना का पुनः निर्माण किया गया था। जांच के दौरान पुलिस बिभव को मुंबई भी लेकर गई थी। बताया जा रहा था कि बिभव ने मुंबई में ही अपना फोन फॉर्मेट किया था। ऐसे में यह पता करने के लिए कि फोन मुंबई में कहां और कैसे फॉर्मेट किया गया, पुलिस बिभव को मुंबई ले गई ताकि डेटा रिट्रीव किया जा सके। इस दौरान दिल्ली पुलिस ने जो सबूत बरामद किए, वे मुंबई एयरपोर्ट के नजदीकी इलाके से थे। 17 मई की रिपोर्ट के मुताबिक, बिभव कुमार ने शहर में किसी अन्य व्यक्ति या डिवाइस पर डेटा ट्रांसफर करने से पहले अपने फोन को फॉर्मेट कर दिया था। दिल्ली पुलिस उस डेटा को वापस पाने के लिए उन्हें मुंबई के उपनगर कलिना में फोरेंसिक लैब ले गई।

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पुलिस ने दिल्ली की एक स्थानीय अदालत तीस हजारी को बताया कि बिभव ने मुंबई में कथित तौर पर अपना फोन फॉर्मेट किया था। इसलिए, सबूत जुटाने के लिए उन्हें मुंबई ले जाना जरूरी था। पुलिस का कहना था कि यह भी पता लगाना है कि फोन से डिलीट किया गया डेटा सबूत मिटाने के लिए किया गया या किसी अन्य वजह से नष्ट किया गया था। स्वाति मालीवाल के आरोपों के बाद बिभव कुमार के खिलाफ मामला काफी संगीन हो गया है। पुलिस ने इस मामले में जांच तेज कर दी है और सबूत जुटाने में लगी हुई है। बिभव की गिरफ्तारी और फोन फॉर्मेटिंग के मामले ने इसे और भी पेचीदा बना दिया है। पुलिस को अब यह साबित करना होगा कि बिभव ने सबूतों को मिटाने के लिए जानबूझकर फोन फॉर्मेट किया या इसके पीछे कोई और कारण था।

इस पूरे मामले ने अरविंद केजरीवाल की सरकार को भी सवालों के घेरे में ला दिया है। बिभव कुमार के खिलाफ लगे आरोपों और उनकी गिरफ्तारी ने राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है। विपक्षी दलों ने इस मामले को लेकर सरकार पर निशाना साधा है और स्वाति मालीवाल को न्याय दिलाने की मांग की है। स्वाति मालीवाल ने पुलिस से निष्पक्ष जांच की उम्मीद जताई है और कहा है कि उन्हें न्याय मिलना चाहिए। उन्होंने बिभव कुमार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है और कहा है कि ऐसे मामलों में किसी को भी बख्शा नहीं जाना चाहिए।

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इस मामले में आगे की जांच जारी है और देखना होगा कि पुलिस किस तरह से इस मामले में सबूत जुटाती है और कोर्ट में किस तरह से पेश करती है। बिभव कुमार की न्यायिक हिरासत का समय 28 मई को खत्म होगा और उसके बाद कोर्ट में आगे की सुनवाई होगी। यह मामला न केवल स्वाति मालीवाल और बिभव कुमार के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इसे लेकर दिल्ली की राजनीतिक स्थिति भी प्रभावित हो सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में आगे क्या होता है और कोर्ट का क्या फैसला आता है।

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