सपा को लगा पूर्वांचल में झटका,अमित शाह से मुलाकात के बाद बोले नारद राय, कहा BJP के लिए पूरी ताकत से करेंगे प्रयास
बलिया के प्रमुख भूमिहार नेता और सपा के पूर्व मंत्री नारद राय ने समाजवादी पार्टी (सपा) को बड़ा झटका दिया है। नारद राय ने दिन में बागी तेवर दिखाने के बाद देर शाम को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की जीत के लिए पूरी ताकत से प्रयास करने का ऐलान कर दिया।
बलिया के प्रमुख भूमिहार नेता और सपा के पूर्व मंत्री नारद राय ने समाजवादी पार्टी (सपा) को बड़ा झटका दिया है। नारद राय ने दिन में बागी तेवर दिखाने के बाद देर शाम को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की जीत के लिए पूरी ताकत से प्रयास करने का ऐलान कर दिया। नारद राय ने आरोप लगाया कि पिछले सात साल से उन्हें लगातार बेइज्जत किया जा रहा था। पूर्वांचल की बलिया लोकसभा सीट के लिए सातवें और अंतिम चरण में 1 जून को मतदान होगा। और चुनाव प्रचार के लिए केवल तीन दिन का समय बचा है एवं वोटिंग में केवल चार दिन शेष बचे है। मतदान इतना करीब होने के बावजूद सपा को तगड़ा झटका लगा है। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे पूर्व मंत्री नारद राय ने पार्टी छोड़ने और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) जॉइन करने का ऐलान कर दिया है। बलिया के बड़े नेताओं में गिने जाने वाले नारद राय ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर यह ऐलान किया।
नारद राय ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद आजतक से खास बातचीत में सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि बहुत भारी और दुखी मन से समाजवादी पार्टी छोड़ रहा हूं। नारद राय ने कहा कि 40 साल का साथ था जो आज मैंने छोड़ दिया है। उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर बेइज्जत करने का आरोप लगाया और कहा कि मेरी गलती यह है कि अखिलेश और मुलायम में मैंने मुलायम को चुना। नारद ने बताया कि पिछले सात साल से उन्हें लगातार बेइज्जत किया जा रहा था। नारद राय ने यह भी आरोप लगाया कि 2017 में उनका टिकट अखिलेश यादव ने काटा था। नारद ने कहा कि 2022 में अखिलेश ने टिकट दिया लेकिन साथ ही साथ मेरी हार का इंतजाम भी कर दिया। उन्होंने दो दिन पहले बलिया में हुई अखिलेश की रैली का जिक्र करते हुए कहा कि मंच पर भी उन्हें बेइज्जत किया गया। अखिलेश यादव ने मंच से उनका नाम तक नहीं लिया। नारद राय ने अमित शाह से मुलाकात के बाद कहा कि अब अपनी पूरी ताकत बीजेपी के लिए लगाएंगे। उन्होंने कहा कि हमसे जितना हो पाएगा , हम उतनी ताकत से बीजेपी की जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रयास करेंगे।
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गौरतलब है कि नारद राय बलिया सदर विधानसभा सीट से विधायक और उत्तर प्रदेश में सपा की सरकारों में मंत्री रहे हैं। उनकी गिनती बलिया के बड़े भूमिहार नेताओं में होती है। यह पहला मौका नहीं है जब नारद का सपा से मोहभंग हुआ हो। खुद को जनेश्वर मिश्रा का शिष्य, राजनारायण की परंपरा का राजनेता बताने वाले नारद राय ने 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले भी पार्टी छोड़ी थी। नारद ने तब बहुजन समाज पार्टी (बसपा) जॉइन की थी। नारद बसपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे लेकिन बीजेपी के आनंद स्वरूप शुक्ल से मात खानी पड़ी। नारद राय 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले ही सपा में लौट आए थे। जिसके बाद वह 2022 के चुनाव में सपा के टिकट पर मैदान में उतरे। परंतु इस बार भी नारद को जीत नसीब नहीं हुई। उन्हें बीजेपी के दयाशंकर सिंह ने हरा दिया। लोकसभा चुनाव में भी वह सपा से टिकट के दावेदार थे लेकिन पार्टी द्वारा 2019 के चुनाव में bjp उम्मीदवार वीरेंद्र सिंह मस्त को कड़ी टक्कर देने वाले सनातन पाण्डेय पर भरोसा जताया।
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नारद राय इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार भी कर रहे थे लेकिन पिछले कुछ दिनों से प्रचार से उनकी दूरी से चर्चाएं हो रही थीं कि वे बीजेपी में जा सकते हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उनके पोस्ट से भी नाराजगी झलक रही थी और रही-सही कसर पूरी हो गई अखिलेश यादव की दो दिन पहले बलिया में हुई जनसभा से। नारद राय ने कहा कि इस बार के चुनाव में भी उन्हें उचित सम्मान नहीं मिला और उन्हें मंच से नजरअंदाज किया गया। नारद राय ने अमित शाह से मुलाकात के बाद बीजेपी की जीत सुनिश्चित करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंकने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि अब उनका मकसद बीजेपी को जीत दिलाना है और इसके लिए वह हर संभव प्रयास करेंगे। नारद राय के इस फैसले से बलिया लोकसभा सीट पर चुनावी समीकरणों में बड़ा बदलाव आ सकता है। बलिया की जनता और राजनीतिक विशेषज्ञ अब इस घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं कि नारद राय के बीजेपी में जाने से सपा और बीजेपी के बीच मुकाबला किस दिशा में जाएगा।