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NDA की बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी के नाम पर फाइनल मुहर, विपक्ष पर साधा निशाना कहा “ना हारे थे ना हारे है”….

लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा पूर्ण बहुमत से चूक गई, लेकिन एनडीए ने 293 सीटें हासिल करके 272 सीटों (बहुमत) का आंकड़ा प्राप्त कर लिया। इसी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है और एक बार फिर से प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं। इसके पहले एनडीए की एक बैठक बुलाई गई है जिसमें सभी दलों के शीर्ष नेता, मुख्यमंत्री, और सांसद भाग लेंगे।

लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा पूर्ण बहुमत से चूक गई, लेकिन एनडीए ने 293 सीटें हासिल करके 272 सीटों (बहुमत) का आंकड़ा प्राप्त कर लिया। इसी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है और एक बार फिर से प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं। इसके पहले एनडीए की एक बैठक बुलाई गई है जिसमें सभी दलों के शीर्ष नेता, मुख्यमंत्री, और सांसद भाग लेंगे। इस बैठक के बाद प्रधानमंत्री के नाम पर अंतिम मुहर लगाई जाएगी। 9 जून को राष्ट्रपति प्रधानमंत्री और मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगी। जनसेना प्रमुख पवन कल्याण ने प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी तीसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब तक नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं, कोई भी भारत की ओर आंख उठाकर नहीं देख सकता।

सविंधान सदन (पुरानी संसद) के सेंट्रल हॉल में एनडीए के संसदीय दल की बैठक शुरू हो चुकी है। एनडीए के सहयोगी दलों के पार्टी प्रमुखों का स्वागत किया जा रहा है। इस बैठक में नरेंद्र मोदी ,अमित शाह, जेपी नड्डा, नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू उपस्थित थे इसके साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवनिर्वाचित सांसदों का स्वागत किया और पार्टी कार्यकर्ताओं के परिश्रम पर बात करते हुए उनको ध्यानवाद दिया। उन्होंने एनडीए को तीसरी बार बहुमत मिलने पर सहयोगियों का धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “न हम हारे थे, न हारें हैं; हम विजय को पचाना जानते हैं।” उन्होंने कहा कि पहले भी (2014 में) एनडीए था, कल (2019 में) भी एनडीए था और आज (2024 में) भी एनडीए है। दस साल बाद भी कांग्रेस 100 सीटों का आंकड़ा नहीं छू पाई। पीएम मोदी ने ईवीएम पर उठाए गए सवालों को लेकर विपक्ष पर जमकर हमला बोला। उन्होंने 4 जून को परिणाम वाले दिन का एक वाकया साझा करते हुए कहा कि ईवीएम जिंदा है या मर गया। उन्होंने कहा कि शाम होते-होते ईवीएम पर सवाल उठाने वाले विपक्षियों के मुंह पर ताला लग गया। ये लोग ईवीएम के खिलाफ झूठ का षड्यंत्र लेकर बैठे थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने NDA को तीसरी बार बहुमत मिलने पर सहयोगियों का धन्यवाद दिया और कहा, “न हम हारे थे, न हारें हैं; हम विजय को पचाना जानते हैं।”

मोदी बोले- “किसी पार्टी का सांसद हो, मेरे लिए सभी समान होंगे।” उन्होंने कहा कि विकसित भारत के अपने सपने को साकार करके रहेंगे। मोदी ने दक्षिण के राज्यों में एनडीए को मिली बढ़त का जिक्र किया, विशेष रूप से केरल का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां हमारी विचारधारा को लेकर हमारे कार्यकर्ताओं पर जुल्म किया गया। इतना तो जम्मू-कश्मीर में भी नहीं हुआ था। आज पहली बार केरल से हमारा प्रतिनिधि सदन में होगा। इस दौरान उन्होंने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में बड़ी जीत पर भी बयान दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, “एनडीए ने 30 साल के समय में 5 साल के 3 कार्यकाल सफलतापूर्वक पूर्ण रूप से पूरे किए हैं। अब यह अपने चौथे कार्यकाल में प्रवेश करने जा रहा है। इस दौरान उन्होंने दिवंगत पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी, शरद यादव, जॉर्ज फर्नांडीज जैसे नेताओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जो बीज उन्होंने बोया था, उसे जनता ने अपने विश्वास से सींचकर विशाल वटवृक्ष बना दिया है।

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जनसेना प्रमुख पवन कल्याण ने प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी तीसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं।  जब तक नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं, कोई भी भारत की ओर आंख उठाकर नहीं देख सकता। एनडीए के सहयोगी दलों के पार्टी प्रमुखों का स्वागत किया जा रहा है। मीटिंग में अमित शाह, जेपी नड्डा, नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू, और नरेंद्र मोदी उपस्थित हैं।अपना दल प्रमुख अनुप्रिया पटेल ने भी पीएम के लिए नरेंद्र मोदी के नाम के प्रस्ताव को समर्थन दिया। लोजपा रामविलास के प्रमुख चिराग पासवान ने भी प्रस्ताव का अनुमोदन किया है। अपने वक्तव्य में उन्होंने नरेंद्र मोदी के पिछले 10 वर्षों की उपलब्धियों पर धन्यवाद ज्ञापित किया। वहीं, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्यूलर) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने कहा कि वे एनडीए के साथ बने रहेंगे और उन्होंने भी प्रस्ताव का समर्थन किया।

एनसीपी प्रमुख अजित पवार ने भी पीएम पद के लिए नरेंद्र मोदी के नाम को समर्थन दिया है। शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी पीएम पद के लिए मोदी के नाम का समर्थन किया और कहा कि उनका भाजपा के साथ गठबंधन फेविकोल के जोड़ की तरह मजबूत है, यह टूटने वाला नहीं है। इस दौरान उन्होंने पीएम के लिए ‘मैं उस माटी का वृक्ष नहीं…’ कविता की कुछ पंक्तियां पढ़ीं।
जदयू प्रमुख नीतीश कुमार ने भी नरेंद्र मोदी के नाम के प्रस्ताव को समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि मोदी 10 साल पीएम रहने के बाद एक बार फिर पीएम बनने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बार पूरे समय वे सरकार के साथ बने रहेंगे। अगली बार एनडीए फिर एक साथ बिहार में चुनाव लड़ेगा और सभी सीटें जीतेगा।

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टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि देश सही समय पर सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने नरेंद्र मोदी के कार्यों का जिक्र किया और एनडीए संसदीय दल के नेता के तौर पर मोदी के नाम का समर्थन किया। चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि हमने आंध्र प्रदेश में 95 प्रतिशत सीटें जीतीं। इस दौरान उन्होंने अपने सहयोगी पवन कल्याण की पार्टी जनसेना और भाजपा का उल्लेख किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्ताव एनडीए संसदीय दल के नेता चुने जाने के लिए किया। अमित शाह ने भी उक्त प्रस्ताव का समर्थन किया। कार्यक्रम की शुरुआत में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सभी को संबोधित किया। उन्होंने कहा, “ये हम सबके लिए एक ऐतिहासिक पल है और हम लगातार तीसरी बार एनडीए के नेता के रूप में श्री नरेंद्र मोदी जी को चयन करने वाले हैं। इस ऐतिहासिक घड़ी में आज हम सब लोग चश्मदीद गवाह बन रहे हैं… ये हम सबका सौभाग्य है।”

जेपी नड्डा ने अरुणाचल और सिक्किम में भी भाजपा-एनडीए की सरकार बनने का जिक्र किया। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास हुआ है। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की रश्मिरथी के अंश ‘वसुधा का नेता कौन हुआ, भूखंड विजेता कौन हुआ…’ का पाठ किया। उन्होंने कहा कि 10 साल पहले भारत के बारे में कहा जाता था कि यहां कुछ बदलने वाला नहीं है। आज 10 साल बाद मोदी जी के नेतृत्व में वही भारत आकांक्षी भारत बन गया है और विकसित भारत के संकल्प को लेकर चल पड़ा है। NDA संसदीय बैठक के लिए संसद पहुंचने पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि यह खुशी की बात है कि पीएम मोदी लगातार तीसरी बार पीएम बनेंगे। यह शिवसेना के लिए खुशी की बात है, क्योंकि शिवसेना और बीजेपी की विचारधारा एक जैसी है। एनडीए के सभी गठबंधन दलों ने उन्हें अपना नेता चुना है और आज की बैठक उनके नेतृत्व में हो रही है।

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