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चेन्नई में पदयात्राओं पर कड़े होंगे नियम! मद्रास हाई कोर्ट ने अधिकारियों को दिए ये आदेश

चेन्नई में पदयात्राओं के नियमों को सख्त बनाने के प्रयास में मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै पीठ ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे भक्तों द्वारा की जाने वाली पदयात्राओं को विनियमित करने की मांग वाली याचिका पर विचार करें। इस याचिका को तिरुचेंदूर के निवासी रामकुमार आदिथन ने दायर किया है।

चेन्नई में पदयात्राओं के नियमों को सख्त बनाने के प्रयास में मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै पीठ ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे भक्तों द्वारा की जाने वाली पदयात्राओं को विनियमित करने की मांग वाली याचिका पर विचार करें। इस याचिका को तिरुचेंदूर के निवासी रामकुमार आदिथन ने दायर किया है। याचिकाकर्ता ने अपील की है कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। रामकुमार आदिथन ने अपनी याचिका में कहा है कि तीर्थयात्रियों द्वारा विभिन्न मंदिरों और धार्मिक स्थलों की ओर पदयात्रा के दौरान अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं। विशेष रूप से, गर्मी से बचने के लिए भक्त शाम और रात के समय पैदल चलते हैं, जिससे वे तेज रफ्तार वाहनों की चपेट में आ जाते हैं। इस कारण गंभीर चोटें और कई बार मौतें भी हो जाती हैं।

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याचिकाकर्ता ने दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कुछ सिफारिशें प्रस्तुत की हैं। उन्होंने सड़कों के दाईं ओर गर्मी प्रतिरोधी पेवर ब्लॉक फुटपाथ लगाने का सुझाव दिया है, जिससे तीर्थयात्रियों को विपरीत दिशा से आने वाले वाहनों को देखने में मदद मिलेगी। यह व्यवस्था विशेष रूप से रात के समय पदयात्रा करने वाले भक्तों के लिए लाभकारी हो सकती है इसके अलावा, याचिकाकर्ता ने तीर्थयात्रियों को अपनी सुरक्षा बढ़ाने के लिए फ्लोरोसेंट स्टिकर लगाने का सुझाव दिया है। ये स्टिकर भक्तों के सामान पर लगाए जा सकते हैं ताकि उनकी दृश्यता बढ़ सके और दुर्घटनाओं की संभावना कम हो। साथ ही, उन्होंने भक्तों को कलाई और सिर पर फ्लोरोसेंट बैंड पहनने की सलाह भी दी है। यह उपाय भी दृश्यता में वृद्धि और दुर्घटनाओं की रोकथाम में सहायक हो सकता है।

रामकुमार आदिथन की याचिका पर न्यायमूर्ति सुरेश कुमार और न्यायमूर्ति अरुलमुरुगन की पीठ ने विचार किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे याचिका में प्रस्तुत मुद्दों पर ध्यान दें और आवश्यक कदम उठाएं। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि तीर्थयात्राओं के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है, ताकि भक्त बिना किसी भय के अपनी धार्मिक यात्रा पूरी कर सकें। अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन का कर्तव्य है। अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पदयात्रा के रास्ते सुरक्षित हों और आवश्यक सुरक्षा उपाय लागू किए जाएं। याचिका में प्रस्तुत सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए प्रशासन को उचित कदम उठाने की आवश्यकता है।

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इस प्रकार, चेन्नई में पदयात्राओं को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै पीठ ने प्रशासन को ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत सिफारिशें महत्वपूर्ण हैं और उन्हें लागू करके तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है। अदालत के इस निर्णय से पदयात्राओं के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिल सकती है और भक्त बिना किसी डर के अपनी धार्मिक यात्रा कर सकते हैं।

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