जी-7 समिट के लिए इटली पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पोप फ्रांसिस से मुलाकात की थी। इस मुलाकात पर कांग्रेस ने तंज कसा था, जिससे बाद में उसे सफाई देनी पड़ी। केरल कांग्रेस ने पोप और पीएम मोदी की मुलाकात की फोटो पर एक तंज कसा था। उस पोस्ट में लिखा गया था, ‘आखिरकार पोप को भगवान से मिलने का मौका मिल ही गया।’ कांग्रेस का यह तंज हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी के एक बयान के संदर्भ में था। पीएम मोदी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें विश्वास है कि भगवान ने ही उन्हें इस धरती पर भेजा है। कांग्रेस के इस पोस्ट के बाद भाजपा ने उसपर ईसाई धर्म का अपमान करने का आरोप लगाया, जिसके बाद कांग्रेस ने माफी मांगी और कहा कि किसी भी धर्म का तिरस्कार करना उसकी परंपरा नहीं है।
भाजपा ने इस पोस्ट पर कड़ा एतराज जताया। भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा कि हिंदुओं का मजाक उड़ाने वाली पार्टी अब ईसाइयों का अपमान कर रही है। उन्होंने कहा कि यह तब हो रहा है जब लंबे समय तक कांग्रेस अध्यक्ष रहीं सोनिया गांधी खुद कैथोलिक हैं। वहीं, भाजपा नेता के कुरियन, एनिल एंटनी और जॉर्ज कुरियन ने भी कांग्रेस को फटकार लगाई। कांग्रेस के पोस्ट के बाद भाजपा ने जोरदार हमला बोला और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने जानबूझकर ईसाई समुदाय का अपमान किया है। इस विवाद के बाद कांग्रेस ने सफाई दी और कहा कि उसकी मंशा किसी भी धर्म का अपमान करने की नहीं थी। केरल कांग्रेस ने अपने अगले पोस्ट में लिखा, ‘सारा देश जानता है कि कांग्रेस पार्टी कभी किसी धर्म, धार्मिक समुदाय, धार्मिक पुजारियों का अपमान नहीं करती है। हम सभी धर्मों को साथ लेकर चलते हैं और पोप का अपमान तो कोई कांग्रेस कार्यकर्ता सोच भी नहीं सकता, जिन्हें दुनियाभर का ईसाई समुदाय अपने भगवान के समान मानते हैं।
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हालांकि, कांग्रेस ने पीएम नरेंद्र मोदी का मजाक बनाने में कोई संकोच नहीं दिखाया, जो खुद को भगवान कहते हैं। कांग्रेस ने कहा, ‘यदि मोदी और उनके साथियों को ईसाई लोगों से सच में प्रेम है तो वो मणिपुर में चर्च को जलाए जाने पर भी बोलें और उन लोगों से माफी मांगे।’ कांग्रेस ने यह भी कहा कि ‘यदि हमारे पोस्ट से किसी को चोट पहुंची है तो हम माफी मांगते हैं।’ यह विवाद तब शुरू हुआ जब पीएम मोदी ने पोप फ्रांसिस से मुलाकात की। यह मुलाकात जी-7 समिट के दौरान हुई थी, जिसमें भारत एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा था। पोप और पीएम मोदी की इस मुलाकात को लेकर सोशल मीडिया पर भी काफी चर्चा हुई। कांग्रेस ने इस मुलाकात को लेकर पीएम मोदी पर कटाक्ष किया और उनके बयान को लेकर तंज कसा।
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कांग्रेस ने बाद में माफी मांगते हुए कहा कि पार्टी का उद्देश्य किसी भी धार्मिक भावनाओं को आहत करना नहीं था। कांग्रेस ने अपने पोस्ट में यह स्पष्ट किया कि वह सभी धर्मों का सम्मान करती है और किसी भी धार्मिक समुदाय का अपमान करना उसकी नीति नहीं है। कांग्रेस ने यह भी कहा कि यदि उनके पोस्ट से किसी को ठेस पहुंची है तो वे माफी मांगते हैं। इस विवाद ने राजनीतिक हलकों में काफी हलचल मचाई और दोनों पार्टियों के बीच तीखे बयानबाजी का दौर चला। भाजपा ने इसे कांग्रेस की धार्मिक असहिष्णुता के रूप में प्रस्तुत किया, जबकि कांग्रेस ने इसे भाजपा की राजनीति का हिस्सा बताया।