सुभासपा अपना चुनाव चिह्न छड़ी बदलना चाहती है, पार्टी प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने नेताओं से राय मांगी.
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) ने अपने चुनाव चिह्न 'छड़ी' को बदलने का निर्णय लिया है। पार्टी के मुखिया ओम प्रकाश राजभर ने इस विषय में अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं से राय मांगी है।
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) ने अपने चुनाव चिह्न ‘छड़ी’ को बदलने का निर्णय लिया है। पार्टी के मुखिया ओम प्रकाश राजभर ने इस विषय में अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं से राय मांगी है। चुनाव चिह्न बदलने के पीछे मुख्य वजह इस बार घोसी में मूलनिवासी समाज पार्टी को मिला चुनाव चिह्न ‘हॉकी’ है, जो सुभासपा के चिह्न ‘छड़ी’ से काफी मिलता-जुलता था। पार्टी का मानना है कि इसके कारण उसके समर्थक भ्रमित हो गए। घोसी लोकसभा सीट पर चुनाव के दौरान, एनडीए की सहयोगी सुभासपा को यह सीट आवंटित की गई थी। ओम प्रकाश राजभर ने अपने बेटे अरविंद राजभर को इस सीट से प्रत्याशी बनाया था। उनके चुनाव निशान ‘छड़ी’ को ईवीएम में ऊपर से तीसरे नंबर पर रखा गया था। वहीं, मूलनिवासी समाज पार्टी की प्रत्याशी लीलावती राजभर को चुनाव आयोग द्वारा ‘हॉकी’ चुनाव चिह्न आवंटित किया गया, जो ईवीएम में नीचे से तीसरे नंबर पर था। इस चुनाव में लीलावती को 47,527 वोट मिले थे।
सुभासपा के प्रवक्ता अरुण राजभर का मानना है कि पार्टी के वोटरों ने भ्रम में लीलावती को वोट दे दिया। सुभासपा ने अपने मतदाताओं को बताया था कि उनका चुनाव निशान ईवीएम में ऊपर से तीसरे नंबर पर ‘छड़ी’ है। लेकिन ‘छड़ी’ और ‘हॉकी’ के मिलते-जुलते चुनाव चिह्न के कारण सुभासपा के मतदाता गलती से ‘हॉकी’ का बटन दबा आए। इस ग़लतफ़हमी के कारण सुभासपा को काफी नुकसान हुआ। अरुण राजभर ने कहा कि पार्टी जल्द ही चुनाव आयोग को पत्र लिखकर आग्रह करेगी कि ‘हॉकी’ चुनाव चिह्न किसी अन्य पार्टी को आवंटित न किया जाए। यदि यह संभव न हुआ तो पार्टी अपना चुनाव चिह्न बदलवाने पर विचार करेगी। पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से इस विषय पर राय ली जा रही है और सभी की सहमति से ही कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
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सुभासपा का मानना है कि चुनाव चिह्न का भ्रम उनके पक्ष में वोटों को कम कर सकता है। इसलिए, पार्टी इस बात को लेकर गंभीर है कि आगे ऐसे किसी भ्रम की स्थिति से बचा जा सके। चुनाव चिह्न बदलने की प्रक्रिया के दौरान पार्टी यह सुनिश्चित करेगी कि नया चुनाव चिह्न ऐसा हो जो आसानी से पहचाना जा सके और किसी अन्य चिह्न से न मिलता-जुलता हो। इसके अलावा, पार्टी अपने मतदाताओं के बीच जागरूकता फैलाने के लिए भी कदम उठाएगी ताकि भविष्य में कोई भ्रम की स्थिति न हो।
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चुनाव आयोग से संपर्क के बाद, यदि ‘हॉकी’ चुनाव चिह्न किसी अन्य पार्टी को नहीं दिया गया तो सुभासपा अपने मौजूदा चुनाव चिह्न ‘छड़ी’ को ही बनाए रखेगी। अन्यथा, नया चुनाव चिह्न तय किया जाएगा जो पार्टी के उद्देश्यों और सिद्धांतों के अनुरूप हो। सुभासपा के इस निर्णय का उद्देश्य अपने मतदाताओं को स्पष्ट संदेश देना और भविष्य में किसी भी तरह की भ्रम की स्थिति से बचना है। पार्टी का कहना है कि वह अपने समर्थकों के हित में हर संभव कदम उठाएगी ताकि उनके वोट सही दिशा में जाएं और पार्टी को अधिक से अधिक समर्थन मिल सके।