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अयोध्या के राम मंदिर परिसर में हुई फायरिंग, एक SSF जवान की गोली लगने से मौत।

अयोध्या के राम मंदिर की सुरक्षा में तैनात एक एसएसएफ जवान की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। राम जन्म भूमि की सुरक्षा में तैनात जवान को बुधवार सुबह 5.25 बजे अचानक गोली मार दी गयी।

अयोध्या के राम मंदिर की सुरक्षा में तैनात एक एसएसएफ जवान की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। राम जन्म भूमि की सुरक्षा में तैनात जवान को बुधवार सुबह 5.25 बजे अचानक गोली मार दी गयी। अचानक गोली की आवाज सुनकर मंदिर परिसर में हड़कंप मच गयी जिसके बाद साथी जवानों ने तत्काल ही घायल जवान को अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी हालत गंभीर देखते हुए उसे ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया हालाँकि देरी होने के कारण ट्रॉमा सेंटर में डॉक्टरों ने घायल जवान को मृत घोषित कर दिया। अभी तक गोली लगने का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। आला अधिकारियों ने पूरे मामले की जांच का आदेश दे दिया है। राम मंदिर का उद्घाटन होने के बाद यह ऐसी दूसरी घटना है। इससे पहले मार्च में भी मंदिर की सुरक्षा में तैनात एक पीएसी प्लाटून कमांडर को संदिग्ध हालात में सीने में गोली लगी थी।

राम जन्म भूमि परिसर में गोली लगने से मरने वाला जवान अंबेडकर नगर जिले का रहने वाला था। उसका नाम शत्रुघ्न विश्वकर्मा बताया गया है। अधिकारियों ने उसके परिवार को घटना की सूचना दे दी है। बता दें कि एसएसएफ का गठन खासतौर पर राम मंदिर की सुरक्षा के लिए ही किया गया है। अयोध्या राम मंदिर परिसर में किसी सुरक्षा कर्मी को गोली लगने का यह दूसरा मामला है। इससे पहले मार्च के आखिर में भी एक पीएसी प्लाटून कमांडर राम प्रसाद को संदिग्ध हालात में गोली लगी थी।

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राम जन्म भूमि परिसर में गोली लगने से मरने वाला जवान अंबेडकर नगर जिले का रहने वाला था। उसका नाम शत्रुघ्न विश्वकर्मा बताया गया है।

राम जन्म भूमि परिसर में सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले जवानों की संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने की घटनाओं ने सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अधिकारियों का कहना है कि हर पहलू की गहन जांच की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। राम मंदिर की सुरक्षा के लिए गठित एसएसएफ (Special Security Force) विशेष रूप से प्रशिक्षित बल है। इसका उद्देश्य मंदिर और इसके परिसर की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। मंदिर के उद्घाटन के बाद से ही सुरक्षा को लेकर उच्च स्तरीय इंतजाम किए गए हैं, लेकिन बावजूद इसके दो जवानों की संदिग्ध मौतों ने सुरक्षा व्यवस्थाओं की गंभीरता को उजागर किया है।

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घटना के तुरंत बाद उच्च अधिकारियों ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और सबूत जुटाए। पुलिस भी मामले की तहकीकात में जुटी है। जवान के परिवार को घटना की पूरी जानकारी दी गई है और हर संभव मदद का आश्वासन दिया गया है। राम जन्म भूमि परिसर की सुरक्षा को लेकर पहले से ही कड़े इंतजाम हैं। एसएसएफ और पीएसी के जवान दिन-रात निगरानी करते हैं। सुरक्षा के इन उपायों के बावजूद ऐसी घटनाओं का होना गंभीर चिंता का विषय है। अधिकारियों का कहना है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही असली कारणों का पता चलेगा और भविष्य में सुरक्षा के और भी कड़े उपाय किए जाएंगे। अंत में, राम मंदिर परिसर में सुरक्षा कर्मियों की संदिग्ध मौतों ने प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया है। हर संभव प्रयास किया जा रहा है कि सुरक्षा व्यवस्था में कोई भी कमी न रह जाए। प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां मिलकर यह सुनिश्चित करने में जुटी हैं कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

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