तमिलनाडु के कल्लाकुरिची जिले में जहरीली शराब पीने से एक बड़ी त्रासदी घटित हो गई है। इस घटना में 29 लोगों की मौत हो गई है और 60 से अधिक लोग गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं। कल्लाकुरिची जिला कलेक्टर एमएस प्रशांत ने इस हादसे के बाद सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल का दौरा किया और वहां इलाज करा रहे पीड़ितों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है और इसे रोकने में विफल रहने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है। स्टालिन ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के माध्यम से अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने कहा, “कल्लाकुरिची में मिलावटी शराब पीने से लोगों की मौत की खबर सुनकर मैं स्तब्ध और दुखी हूं।”उन्होंने द्वारा बताया गया कि इस अपराध में शामिल लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है और और अधिकारी इसे रोकने में विफल रहे है उनपर भी कार्रवाई की जा रही है।
स्टालिन ने जनता से अपील करते हुए कहा कि अगर वे ऐसे अपराधों में शामिल लोगों के बारे में जानकारी देते हैं तो उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, “समाज को बर्बाद करने वाले ऐसे अपराधों को सख्ती से कुचल दिया जाएगा।” मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस घटना से उन्हें गहरा दुख हुआ है और वह इस की घटनाओं को रोकने के लिए हर कड़े से कड़े कदम उठाएंगे। आरएन रवि जो की तमिलनाडु के राज्यपाल हैं ने भी इस घटना को दुखद बताया और इस पर शोक प्रकट किया और पीड़ितों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने कहा, “मुझे यह जानकर बहुत सदमा लगा कि नकली शराब के सेवन के कारण कल्लाकुरिची में कई लोगों की जान चली गई है। कई अन्य गंभीर हालत में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं और अस्पतालों में भर्ती लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।
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इस घटना ने राज्य में मिलावटी शराब की समस्या को फिर से उजागर कर दिया है। राज्य सरकार ने मिलावटी शराब के व्यापार को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने का आश्वासन दिया है। इस त्रासदी के बाद पूरे राज्य में शराब की दुकानों और उत्पादन इकाइयों पर सघन छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है। कल्लाकुरिची की इस घटना ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। मृतकों के परिवारों में शोक की लहर है और सरकार से इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कदम उठाने की मांग की जा रही है। पीड़ितों के परिवारों को आर्थिक सहायता और पुनर्वास का आश्वासन भी दिया गया है।