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जेपी नड्डा बने राज्यसभा में भाजपा के नए नेता, पीयूष गोयल की लेंगे जगह.

भाजपा ने जेपी नड्डा को राज्यसभा में सदन का नेता नियुक्त करने का निर्णय लिया है। इससे पहले, यह जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के कंधों पर थी, लेकिन उत्तर मुंबई लोकसभा सीट से सांसद चुने जाने के बाद उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इस परिवर्तन के बाद अब जेपी नड्डा को यह महत्वपूर्ण दायित्व सौंपा गया है।

भाजपा ने जेपी नड्डा को राज्यसभा में सदन का नेता नियुक्त करने का निर्णय लिया है। इससे पहले, यह जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के कंधों पर थी, लेकिन उत्तर मुंबई लोकसभा सीट से सांसद चुने जाने के बाद उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इस परिवर्तन के बाद अब जेपी नड्डा को यह महत्वपूर्ण दायित्व सौंपा गया है। जेपी नड्डा की इस नई भूमिका में नियुक्ति का समय काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि संसद का आगामी सत्र बहुत ही हंगामेदार होने की संभावना है। विपक्षी दलों ने सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की योजना बनाई है। इन मुद्दों में नीट परीक्षा के सवाल, पेपर लीक की घटनाएं, और हाल के रेल हादसे शामिल हैं। इन समस्याओं को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है।

भाजपा ने जेपी नड्डा को यह जिम्मेदारी ऐसे समय में दी है जब विपक्ष का विरोध अपने चरम पर है। नड्डा के नेतृत्व में भाजपा को उम्मीद है कि वे विपक्ष के हमलों का मजबूती से सामना कर सकेंगे। पीयूष गोयल, जिन्होंने पहले यह भूमिका निभाई थी, उनके स्थान पर अब नड्डा को यह जिम्मेदारी दी गई है ताकि पार्टी की नीतियों और योजनाओं को सदन में प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया जा सके। संसद का यह सत्र 3 जुलाई तक चलने वाला है, और इसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है। नड्डा की नियुक्ति के साथ, भाजपा ने यह संकेत दिया है कि वे विपक्षी हमलों का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। नड्डा के पास संगठनात्मक कौशल और राजनीतिक अनुभव है जो इस नई भूमिका में उनके लिए सहायक सिद्ध हो सकता है।

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विपक्ष के पास भी इस बार कई मुद्दे हैं जिन पर वे सरकार को घेरने की योजना बना रहे हैं। नीट परीक्षा में हुई गड़बड़ियों से लेकर पेपर लीक की घटनाओं तक, और हाल के रेल हादसों तक, इन सभी मुद्दों पर विपक्ष सरकार को जवाबदेह बनाने की कोशिश करेगा। संसद सत्र में इन सभी विषयों पर गरमागरम बहस होने की संभावना है। कुल मिलाकर, जेपी नड्डा की राज्यसभा में सदन के नेता के रूप में नियुक्ति ऐसे समय में की गई है जब राजनीतिक माहौल काफी तनावपूर्ण है। भाजपा ने इस महत्वपूर्ण भूमिका के लिए नड्डा को चुनकर अपनी रणनीतिक तैयारी का संकेत दिया है। अब देखना होगा कि नड्डा अपने नए दायित्वों का निर्वहन कैसे करते हैं और विपक्ष के सवालों का कैसे सामना करते हैं।

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