अरविंद केजरीवाल की रिहाई पर फैसला टला, सुप्रीम कोर्ट में अब इस तारीख को होगी सुनवाई
नई आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को निचली अदालत से मिली जमानत पर दिल्ली हाई कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है। इस फैसले के खिलाफ केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई करते हुए मामले को 26 जून, बुधवार के लिए स्थगित कर दिया है।
नई आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को निचली अदालत से मिली जमानत पर दिल्ली हाई कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है। इस फैसले के खिलाफ केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई करते हुए मामले को 26 जून, बुधवार के लिए स्थगित कर दिया है। केजरीवाल को 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। 20 जून को निचली अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी, लेकिन हाई कोर्ट ने शुक्रवार को इस जमानत पर अंतरिम रोक लगा दी। हाई कोर्ट ने यह रोक तब लगाई जब ईडी ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी
हाई कोर्ट की एक अवकाशकालीन पीठ ने आदेश देते हुए कहा था कि जब तक उच्च न्यायालय इस मामले में अंतिम निर्णय नहीं लेता, तब तक निचली अदालत का आदेश प्रभावी नहीं होगा। कोर्ट ने सभी पक्षों को 24 जून तक लिखित प्रतिवेदन दाखिल करने का निर्देश दिया था। इसके अलावा, हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री केजरीवाल को नोटिस जारी कर उनसे ईडी की याचिका पर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी। इससे पहले ट्रायल कोर्ट ने अपने जमानत आदेश में माना था कि अभी तक केजरीवाल के खिलाफ कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया गया है जो उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग से जोड़ता हो। कोर्ट ने यह भी कहा कि ईडी केजरीवाल को अपराध की आय से जोड़ने वाले प्रत्यक्ष सुबूत प्रस्तुत करने में विफल रही है।
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इस बीच, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आम आदमी पार्टी के नेताओं पर पाखंड का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अभी कुछ दिन पहले ही आप नेता ईडी और केंद्र सरकार की इस बात पर निंदा कर रहे थे कि बिना आदेश के ही ईडी ने हाई कोर्ट का रुख किया। जबकि अब खुद आप नेता हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए हैं, जबकि हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई अभी पूरी नहीं हुई है। इस मामले में जहां एक तरफ राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है, वहीं दूसरी ओर कानूनी प्रक्रिया भी तेजी से आगे बढ़ रही है। अब सबकी निगाहें 26 जून को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं, जो यह तय करेगी कि अरविंद केजरीवाल को जेल में रहना होगा या नहीं।