पहली FIR यहां हुई दर्ज, नहीं दिल्ली में; गृह मंत्री अमित शाह ने बताया क्या था अपराध
नए आपराधिक कानूनों के लागू होने के बाद विपक्ष उनके खिलाफ खामियां गिनाने में जुट गया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि इन कानूनों में पिछले कानूनों से ज्यादा अंतर नहीं है और इसमें सिर्फ कमियां ही हैं। कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने इसे सिर्फ 'कॉपी पेस्ट' करार दिया है।
नए आपराधिक कानूनों के लागू होने के बाद विपक्ष उनके खिलाफ खामियां गिनाने में जुट गया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि इन कानूनों में पिछले कानूनों से ज्यादा अंतर नहीं है और इसमें सिर्फ कमियां ही हैं। कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने इसे सिर्फ ‘कॉपी पेस्ट’ करार दिया है। विपक्ष के इन आरोपों का जवाब देने के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की और तीनों नए कानूनों के बारे में जानकारी दी। अमित शाह ने स्पष्ट किया कि नए आपराधिक कानूनों के तहत पहला मामला दिल्ली में नहीं बल्कि मध्य प्रदेश के ग्वालियर में दर्ज किया गया था। उन्होंने बताया कि ग्वालियर के एक पुलिस स्टेशन में एक मोटरसाइकिल चोरी का मामला नए कानूनों के तहत दर्ज किया गया। यह मामला रात 12 बजकर 10 मिनट पर दर्ज हुआ था। शाह ने कहा कि दिल्ली के कमला मार्केट थाने में दर्ज मामला दिल्ली में नए कानूनों के तहत दर्ज किए गए पहले मामलों में से एक था, लेकिन वह पहला मामला नहीं था।
शाह ने यह भी बताया कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के बाहर एक ठेले वाले पर सड़क पर अवरोध पैदा करने की एफआईआर दर्ज हुई थी। हालांकि, पुलिस ने इस मामले की समीक्षा करने के बाद इसे खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए पहले से ही प्रावधान थे और यह कोई नया प्रावधान नहीं है। गृह मंत्री ने यह भी कहा कि नए कानूनों का मकसद आपराधिक न्याय प्रणाली को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाना है। उन्होंने कहा कि इन कानूनों के जरिए पुलिस और न्यायालय की कार्यवाही में तेजी लाई जाएगी और दोषियों को सजा मिलने में कम समय लगेगा। विपक्ष के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए शाह ने कहा कि विपक्ष को इन कानूनों का अध्ययन करना चाहिए और उनके सकारात्मक पहलुओं को भी देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने यह कानून देश की जनता की सुरक्षा और न्याय के लिए बनाए हैं और विपक्ष को इन पर राजनीति नहीं करनी चाहिए।
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शाह ने यह भी कहा कि सरकार इन कानूनों के क्रियान्वयन में पूरी पारदर्शिता बरतेगी और किसी भी तरह की गड़बड़ी या भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन कानूनों के जरिए न्याय प्रणाली को और अधिक सुदृढ़ और प्रभावी बनाया जाएगा ताकि लोगों को जल्द से जल्द न्याय मिल सके। उन्होंने बताया कि सरकार ने इन कानूनों को बनाने से पहले विशेषज्ञों की राय ली और व्यापक स्तर पर सलाह-मशविरा किया। शाह ने कहा कि नए कानूनों के तहत पुलिस और न्यायालय की कार्यवाही में तेजी लाई जाएगी और दोषियों को सजा मिलने में कम समय लगेगा।
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इस प्रकार, गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के आरोपों का खंडन करते हुए नए आपराधिक कानूनों की विशेषताओं और उनकी आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार ने इन कानूनों को जनता की सुरक्षा और न्याय के लिए बनाया है और विपक्ष को इन्हें राजनीति का मुद्दा नहीं बनाना चाहिए।