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हरियाणा में अवैध खनन मामले में ED की बड़ी कार्रवाई, कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार की गिरफ्तारी पर सियासी घमासान

हरियाणा में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बार फिर से कार्रवाई की है, इस बार कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार के खिलाफ। जानकारी के अनुसार, यमुनानगर के दिलबाग सिंह से जुड़े अवैध खनन मामले में ईडी ने यह कदम उठाया है।

हरियाणा में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बार फिर से कार्रवाई की है, इस बार कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार के खिलाफ। जानकारी के अनुसार, यमुनानगर के दिलबाग सिंह से जुड़े अवैध खनन मामले में ईडी ने यह कदम उठाया है। ईडी की टीम ने सुरेंद्र पंवार को सोनीपत से हिरासत में लिया और उन्हें अंबाला कोर्ट में पेश किया। यह मामला जनवरी महीने का है जब ईडी ने खनन से जुड़े मामलों में यमुनानगर के पूर्व विधायक दिलबाग सिंह और सोनीपत के कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार के ठिकानों पर छापा मारा था। तब टीम ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए थे।

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सूत्रों के अनुसार, इस शुक्रवार को ईडी ने सुरेंद्र पंवार को सबूत पेश करने के लिए बुलाया था। अदालत के बाहर ही उन्हें हिरासत में लिया गया और फिर सोनीपत स्थित उनके आवास पर लाया गया। बाद में, उन्हें अंबाला ले जाया गया। कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया है। सुरेंद्र पंवार, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबियों में गिने जाते हैं और सोनीपत में कांग्रेस पार्टी के प्रमुख कार्यक्रमों की जिम्मेदारी उन्हीं पर होती है। वे कांग्रेस की कोर टीम के सदस्य भी हैं और हाल ही में उन्हें प्रदेश सोशल मीडिया का प्रभार भी सौंपा गया था।

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विधायक सुरेंद्र पंवार पहले इनेलो पार्टी में थे और इनेलो की टिकट पर सोनीपत से विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। तब वे कविता जैन से हार गए थे। लेकिन 2019 में कांग्रेस में शामिल होकर उन्होंने कविता जैन को हराया और विधायक बने। पिछले साल, सुरेंद्र पंवार ने गैंगस्टर के नाम पर धमकी मिलने की शिकायत दर्ज कराई थी और इसके बाद इस्तीफे की पेशकश भी की थी। इस घटना ने उन्हें काफी चर्चा में ला दिया था। इस ताजा घटना ने सुरेंद्र पंवार को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। कांग्रेस नेता इसे राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा बता रहे हैं, जबकि ईडी अपनी कार्रवाई को कानूनी प्रक्रिया के तहत सही ठहरा रही है। ईडी द्वारा 4 जून को सुरेंद्र पंवार के घर छापा मारने के बाद कई महत्वपूर्ण कागजात जब्त किए गए थे। इसके बाद, अदालत के आदेश पर उन्हें अंबाला कोर्ट में पेश किया गया। यह मामला न केवल सुरेंद्र पंवार बल्कि हरियाणा की राजनीति के लिए भी महत्वपूर्ण हो गया है।

कांग्रेस पार्टी इस कार्रवाई को भाजपा सरकार की ओर से राजनीतिक प्रतिशोध मान रही है। जबकि ईडी का कहना है कि उन्होंने यह कार्रवाई पूरी तरह से कानूनी प्रक्रियाओं के तहत की है। अवैध खनन मामले में चल रही इस जांच ने हरियाणा की राजनीति में भूचाल ला दिया है। आने वाले समय में इस मामले के और भी नतीजे सामने आ सकते हैं, जो कि हरियाणा की राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित कर सकते हैं।

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