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UPSC दिव्यांग कोटा विवाद: पूजा खेडकर की पोस्ट से सोशल मीडिया पर मचा हंगामा…..

हाल ही में UPSC के दिव्यांग कोटा विवाद में सीनियर IAS अधिकारी पूजा खेडकर की पोस्ट ने सोशल मीडिया पर एक बड़ा बवाल खड़ा कर दिया है। यह विवाद UPSC परीक्षाओं में दिव्यांग कोटे के तहत मिलने वाले आरक्षण के इर्द-गिर्द घूमता है, जिसमें कई मुद्दे और सवाल खड़े हो गए हैं।

हाल ही में UPSC के दिव्यांग कोटा विवाद में सीनियर IAS अधिकारी पूजा खेडकर की पोस्ट ने सोशल मीडिया पर एक बड़ा बवाल खड़ा कर दिया है। यह विवाद UPSC परीक्षाओं में दिव्यांग कोटे के तहत मिलने वाले आरक्षण के इर्द-गिर्द घूमता है, जिसमें कई मुद्दे और सवाल खड़े हो गए हैं। पूजा खेडकर, जो खुद एक वरिष्ठ IAS अधिकारी हैं, ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में UPSC द्वारा दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए निर्धारित किए गए आरक्षण पर सवाल उठाए। उन्होंने इस प्रणाली को अनुचित बताया और दावा किया कि इस कोटे का दुरुपयोग हो रहा है। उनकी पोस्ट ने तुरंत ही सोशल मीडिया पर बवाल मचा दिया, और विभिन्न लोगों ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रियाएँ देना शुरू कर दीं।

UPSC के दिव्यांग कोटा के तहत कुछ प्रतिशत सीटें दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए आरक्षित होती हैं। यह आरक्षण दिव्यांग उम्मीदवारों को उनके शारीरिक चुनौतियों के बावजूद एक समान अवसर देने के उद्देश्य से है। पूजा खेडकर का आरोप है कि कुछ लोग इस कोटे का अनुचित लाभ उठा रहे हैं और जो वास्तव में इस आरक्षण के हकदार नहीं हैं, वे इसका फायदा उठा रहे हैं। पूजा खेडकर की पोस्ट के बाद, सोशल मीडिया पर विभिन्न प्रकार की प्रतिक्रियाएँ देखने को मिलीं। कुछ लोगों ने उनकी बातों का समर्थन किया और कहा कि दिव्यांग कोटे का दुरुपयोग हो रहा है। वहीं, कई लोगों ने उनकी आलोचना भी की और कहा कि यह बयान दिव्यांग समुदाय के खिलाफ है और उनकी उपलब्धियों को कम करके आंकने का प्रयास है।

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एक ट्विटर उपयोगकर्ता ने लिखा, “पूजा खेडकर की पोस्ट ने एक महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाया है, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि हम दिव्यांग समुदाय की कठिनाइयों को समझें और उन्हें उचित सम्मान दें।” वहीं, एक अन्य उपयोगकर्ता ने लिखा, “यह बयान दिव्यांग उम्मीदवारों के संघर्ष और मेहनत को अनदेखा करता है। हमें उनके लिए और भी अधिक समर्थन की जरूरत है, न कि उनकी क्षमताओं पर सवाल उठाने की।

इस विवाद के बाद, सरकारी अधिकारियों और विभिन्न संगठनों ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रियाएँ दीं। केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय ने कहा कि वे इस मामले की जांच करेंगे और यदि आवश्यक हुआ तो उचित कदम उठाएंगे। मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, “हमारा उद्देश्य सभी उम्मीदवारों को समान अवसर प्रदान करना है और यदि कोई प्रणाली में खामी है तो हम उसे सुधारने के लिए तैयार हैं।” UPSC दिव्यांग कोटा विवाद ने एक महत्वपूर्ण मुद्दे को प्रकाश में लाया है। यह आवश्यक है कि इस मुद्दे पर संवेदनशीलता और समझ के साथ विचार किया जाए। दिव्यांग उम्मीदवारों को समान अवसर देना महत्वपूर्ण है, और यह सुनिश्चित करना भी आवश्यक है कि इस प्रणाली का दुरुपयोग न हो। पूजा खेडकर की पोस्ट ने इस मुद्दे पर जागरूकता बढ़ाई है, लेकिन इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी समुदाय के अधिकारों और सम्मान को ठेस न पहुंचे।

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