केरल के वायनाड जिले में भारी बारिश के बाद भूस्खलन की घटना से हड़कंप मच गया है। इस आपदा में 100 से ज्यादा लोगों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है। अब तक 11 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें छह शवों को मेप्पडी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और पांच को एक निजी मेडिकल कॉलेज में भेजा गया है। घटना के तुरंत बाद से ही राहत और बचाव कार्यों के लिए प्रयास जारी हैं। केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (केएसडीएमए) के अनुसार, अग्निशमन विभाग और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीमों को मौके पर तैनात किया गया है। इसके अलावा, एनडीआरएफ की एक अतिरिक्त टीम को भी वायनाड भेजा जा रहा है ताकि राहत कार्यों में तेजी लाई जा सके।
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स्थानीय प्रशासन ने स्थिति को संभालने के लिए तेजी से कदम उठाए हैं। स्वास्थ्य विभाग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने आपातकालीन सहायता के लिए एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है और हेल्पलाइन नंबर 9656938689 और 8086010833 जारी किए हैं। वायु सेना के दो हेलीकॉप्टर एमआई-17 और एक एएलएच सुबह 7.30 बजे सुलूर से रवाना हो गए हैं और बचाव कार्यों में सहयोग कर रहे हैं। इलाके के सीएमओ ने बताया कि वायनाड के प्रमुख अस्पतालों जैसे वैथिरी, कलपट्टा, मेप्पडी और मननथावाडी अस्पताल को तैयार किया गया है। सभी स्वास्थ्य कर्मी रात भर सेवा में लगे रहे और अधिक स्वास्थ्य कर्मियों को तैनात किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने जानकारी दी है कि वायनाड में स्वास्थ्य कर्मियों की अतिरिक्त टीमों को भेजा जा रहा है ताकि घायलों को तुरंत चिकित्सा सहायता मिल सके।
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पहले, खबर थी कि इस भूस्खलन में आठ लोगों की मौत हुई है, जिनमें तीन बच्चे भी शामिल थे, लेकिन बाद में मृतकों की संख्या बढ़कर 11 हो गई। अब भी कई लोग मलबे के नीचे दबे हुए हैं और उन्हें बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। केरल में लगातार भारी बारिश के कारण हालात और भी गंभीर हो सकते हैं, इसलिए राज्य सरकार ने जनता से सतर्क रहने की अपील की है। आपदा के इस मुश्किल समय में प्रशासन और बचाव दल मिलकर अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं ताकि फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके और उन्हें आवश्यक मदद पहुंचाई जा सके।
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