हिंडनबर्ग रिसर्च की नई चेतावनी, भारतीय शेयर बाजार में एक और बड़े खुलासे की आहट.
अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक बार फिर भारतीय कंपनियों को लेकर बड़ा खुलासा करने का संकेत दिया है। हालांकि, इस बार उन्होंने यह नहीं बताया है कि उनके निशाने पर कौन सी कंपनी है और किस प्रकार का खुलासा होने वाला है।
अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक बार फिर भारतीय कंपनियों को लेकर बड़ा खुलासा करने का संकेत दिया है। हालांकि, इस बार उन्होंने यह नहीं बताया है कि उनके निशाने पर कौन सी कंपनी है और किस प्रकार का खुलासा होने वाला है। शनिवार सुबह हिंडनबर्ग ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक पोस्ट में बस इतना ही कहा कि “भारत में जल्द ही कुछ बड़ा होने वाला है।” इस चेतावनी ने भारतीय शेयर बाजार में एक बार फिर से हलचल मचा दी है।
आपको याद दिला दें कि पिछले साल 24 जनवरी को हिंडनबर्ग ने भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी के अडानी समूह पर गंभीर आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में अडानी समूह की आलोचना करते हुए कई वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई थी। आंकड़ों के अनुसार, उस समय अडानी समूह के शेयरों के बाजार मूल्य में लगभग 86 बिलियन डॉलर की गिरावट दर्ज की गई थी। इसके अलावा, समूह के विदेशी लिस्टेड बॉन्ड्स की भी बड़ी मात्रा में बिक्री हुई थी। इस बार हिंडनबर्ग ने अपनी पोस्ट में किसी भी कंपनी का नाम नहीं लिया है, जिससे यह अंदाजा लगाना मुश्किल हो रहा है कि इस बार उनकी रिपोर्ट किसके खिलाफ होगी। लेकिन हिंडनबर्ग की पिछली रिपोर्ट्स को देखते हुए, यह संभावना जताई जा रही है कि इस बार भी भारतीय शेयर बाजार में एक बड़ा तूफान आ सकता है।
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गौरतलब है कि इस साल जून में भारतीय शेयर बाजार नियामक संस्था सेबी (SEBI) ने अडानी-हिंडनबर्ग मामले में नए खुलासे किए थे। इसमें अमेरिका स्थित शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च और न्यूयॉर्क के हेज फंड मैनेजर मार्क किंगडन के बीच के संबंधों को उजागर किया गया था। सेबी ने बताया था कि हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से दो महीने पहले ही मार्क किंगडन के साथ साझा किया था, जिससे उन्होंने रणनीतिक ट्रेडिंग के जरिए बड़ा लाभ कमाया था।
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सेबी की जांच से यह भी पता चला था कि किंगडन कैपिटल ने कोटक महिंद्रा इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड (KMIL) में महत्वपूर्ण निवेश किया था और अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) में शॉर्ट पोजीशन लेने के लिए 43 मिलियन डॉलर ट्रांसफर किया था। इसके बाद किंगडन कैपिटल ने इस पोजीशन को बंद कर दिया, जिससे उन्हें 2.25 बिलियन डॉलर का भारी लाभ हुआ था। इस पूरे घटनाक्रम के बाद अब एक बार फिर हिंडनबर्ग की चेतावनी ने भारतीय निवेशकों के बीच चिंता बढ़ा दी है कि आखिरकार अब कौन सी कंपनी उनके निशाने पर है।