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हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर भाजपा का हमला, कांग्रेस पर आर्थिक अस्थिरता फैलाने का आरोप.

हाल ही में भाजपा ने अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग द्वारा जारी की गई रिपोर्ट पर गंभीर सवाल उठाए हैं। सोमवार को भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस और उसके सहयोगियों पर आरोप लगाया कि वे इस रिपोर्ट का सहारा लेकर देश में आर्थिक अस्थिरता फैलाने की साजिश कर रहे हैं।

हाल ही में भाजपा ने अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग द्वारा जारी की गई रिपोर्ट पर गंभीर सवाल उठाए हैं। सोमवार को भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस और उसके सहयोगियों पर आरोप लगाया कि वे इस रिपोर्ट का सहारा लेकर देश में आर्थिक अस्थिरता फैलाने की साजिश कर रहे हैं। उन्होंने इसे कांग्रेस, उसके सहयोगियों और तथाकथित टूलकिट गैंग द्वारा भारत के खिलाफ एक सोची-समझी साजिश करार दिया, जो देश की आर्थिक स्थिरता को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। रविशंकर प्रसाद ने इस बात पर भी जोर दिया कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट शनिवार को जारी की गई, और इसके तुरंत बाद रविवार को इस पर हंगामा मच गया। सोमवार को इसके प्रभाव से पूंजी बाजार अस्थिर हो गया। उन्होंने कहा कि भारतीय शेयर बाजार दुनिया के अन्य बाजारों की तुलना में सुरक्षित और स्थिर है, और इसके नियमन की जिम्मेदारी भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) पर है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब सेबी ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच के बाद हिंडनबर्ग को नोटिस भेजा, तो हिंडनबर्ग ने इसके बजाय भारत के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाने शुरू कर दिए।

भाजपा ने यह भी सवाल उठाया कि हिंडनबर्ग के पीछे कौन से ताकतें काम कर रही हैं। प्रसाद ने कहा कि जॉर्ज सोरोस, जो अक्सर भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाते रहे हैं, हिंडनबर्ग के प्रमुख निवेशक हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस, जो नरेंद्र मोदी के खिलाफ नफरत फैलाती है, अब भारत के खिलाफ भी इसी प्रकार की नफरत पैदा करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर भारत का शेयर बाजार प्रभावित होता है, तो इससे छोटे निवेशकों को नुकसान होगा, लेकिन कांग्रेस को इसकी कोई परवाह नहीं है। प्रसाद ने कांग्रेस पर टूलकिट पॉलिटिक्स का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं का उद्देश्य भारतीय शेयर बाजार को ध्वस्त करना है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस छोटे निवेशकों के पूंजी निवेश को रोकने और भारत में आर्थिक निवेश को हतोत्साहित करने की कोशिश कर रही है।

गौरतलब है कि 10 अगस्त को हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें यह दावा किया गया था कि सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति ने मॉरीशस की एक ऑफशोर कंपनी में निवेश किया था, जिसके माध्यम से अदाणी समूह की कंपनियों में निवेश कर अदाणी ने लाभ उठाया। हालांकि, सेबी और माधबी बुच ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सेबी की चेयरपर्सन ने समय-समय पर सभी प्रासंगिक खुलासे किए हैं और अदाणी समूह के खिलाफ लगे सभी आरोपों की जांच की है।

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भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सीआर केसवन ने भी हिंडनबर्ग रिपोर्ट को निशाने पर लिया और इसे बेबुनियाद करार दिया। उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग ने सेबी द्वारा जुलाई में जारी किए गए कारण बताओ नोटिस का बदला लेने के लिए यह रिपोर्ट जारी की। केसवन ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन इंडिया इस रिपोर्ट का सहारा लेकर भारतीय शेयर बाजार और वित्तीय प्रणाली को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने राहुल गांधी की तुलना ग्रेग चैपल से करते हुए कहा कि यह हिट एंड रन की राजनीति है, जिसमें कांग्रेस और विपक्षी दल हिंडनबर्ग रिपोर्ट का इस्तेमाल कर रहे हैं। केसवन ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2023 में अदाणी समूह के मामले में सेबी को दी गई जांच का जिक्र किया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी जांच से इंकार कर दिया था और सेबी की जांच को भरोसेमंद बताया था। उन्होंने यह भी कहा कि सेबी ने हिंडनबर्ग के आरोपों की जांच की है और जहां आवश्यक हुआ, कार्रवाई भी की है।

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कांग्रेस पर निशाना साधते हुए केसवन ने कहा कि 2014 में यूपीए सरकार के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था कमजोर स्थिति में थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अब भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत हो चुकी है और जल्द ही हम विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस लगातार तीसरी बार लोकसभा चुनाव में असफल होने के बाद अब डर और दहशत का माहौल पैदा करने की कोशिश कर रही है, लेकिन वह इसमें सफल नहीं होगी।

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