पेरिस ओलंपिक्स 2024: ब्रॉन्ज मेडल विजेता भारतीय पुरुष हॉकी टीम का दिल्ली एयरपोर्ट पर जोरदार स्वागत.
पेरिस ओलंपिक्स 2024 में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर लौटी भारतीय पुरुष हॉकी टीम का दिल्ली एयरपोर्ट पर मंगलवार की सुबह जोरदार स्वागत हुआ। टीम के खिलाड़ी जैसे ही एयरपोर्ट पर पहुंचे, वहां मौजूद फैंस ने ढोल-नगाड़े बजाकर और डांस करके अपने हीरो का भव्य स्वागत किया।
पेरिस ओलंपिक्स 2024 में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर लौटी भारतीय पुरुष हॉकी टीम का दिल्ली एयरपोर्ट पर मंगलवार की सुबह जोरदार स्वागत हुआ। टीम के खिलाड़ी जैसे ही एयरपोर्ट पर पहुंचे, वहां मौजूद फैंस ने ढोल-नगाड़े बजाकर और डांस करके अपने हीरो का भव्य स्वागत किया। इस मौके पर फैंस में टीम के गोलकीपर पीआर श्रीजेश और डिफेंडर अमित रोहिदास की एक झलक पाने के लिए भारी उत्साह देखा गया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसमें भारतीय टीम का स्वागत देख हर कोई गर्व महसूस कर रहा था।
पेरिस ओलंपिक्स 2024 में भारतीय टीम ने स्पेन के खिलाफ 3-2 से जीत दर्ज कर ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। इस ऐतिहासिक जीत में सबसे अहम भूमिका निभाई भारतीय टीम के गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने। श्रीजेश को भारतीय हॉकी की दीवार कहा जाता है और उन्होंने अपने करियर के अंतिम मैच में भी यह साबित कर दिया। स्पेनिश खिलाड़ियों के कई आक्रामक प्रयासों को नाकाम करते हुए, उन्होंने भारतीय टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। इस जीत के बाद पीआर श्रीजेश ने हॉकी से संन्यास लेने की घोषणा की। उनके सम्मान में, मनु भाकर और पीआर श्रीजेश को पेरिस ओलंपिक्स की क्लोजिंग सेरेमनी में भारत का ध्वजवाहक भी बनाया गया।
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एयरपोर्ट पर भारतीय टीम के मिडफील्डर सुमित वाल्मिकी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए अपनी खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा, “यह हमारे लिए गर्व का क्षण है। पूरा देश हमें समर्थन और प्यार दे रहा है। हम अपने प्रशंसकों से वादा करते हैं कि हम और भी बेहतर प्रदर्शन करेंगे।” श्रीजेश के बारे में सुमित ने कहा, “श्रीजेश का प्रदर्शन पूरे टूर्नामेंट में शानदार रहा। उनका योगदान अतुलनीय है और हम ब्रॉन्ज मेडल उनके कारण ही जीत सके।”
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हालांकि, भारतीय टीम को पेरिस ओलंपिक्स में गोल्ड मेडल जीतने की उम्मीद थी, लेकिन सेमीफाइनल में जर्मनी से हार ने उनकी इस उम्मीद को तोड़ दिया। इस हार के बावजूद भारतीय टीम ने अपने हौसले को बनाए रखा और स्पेन को मात देकर ब्रॉन्ज मेडल जीता। जीत के बाद भारतीय टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने कहा, “हमें गोल्ड मेडल जीतने का पूरा भरोसा था, लेकिन जर्मनी ने बेहतरीन खेल दिखाया और हम फाइनल में नहीं पहुंच सके।”
भारतीय टीम के स्टार मिडफील्डर मनप्रीत सिंह ने इस जीत को पीआर श्रीजेश को समर्पित किया। उन्होंने कहा, “हम इस ब्रॉन्ज मेडल को श्रीजेश को समर्पित करते हैं, क्योंकि यह उनका आखिरी मैच था और उन्होंने भारतीय हॉकी के लिए बहुत कुछ किया है।” इस ऐतिहासिक जीत के साथ, भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 52 साल बाद ओलंपिक्स में लगातार दो मेडल जीतकर एक नया इतिहास रचा है। इससे पहले टोक्यो ओलंपिक्स 2020 में भी भारतीय टीम ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था। इस जीत से भारतीय हॉकी का स्तर और ऊंचा हुआ है और टीम को उम्मीद है कि देश की जनता इस खेल को और अधिक प्यार और समर्थन देगी।